आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वानों में से एक थे। उन्होंने अपनी एक नीति में बताया है कि हमें किस-किस पर भरोसा नहीं करना चाहिए और क्यों? आगे जानिए किन लोगों पर भरोसा न करें…
नदीनां शस्त्रपाणीनां नखीनां श्रृंगीणां तथा, विश्वासो नैव कर्तव्य: स्त्रीषु राजकुलेषु च
अर्थ- नदी, शस्त्रधारी, सींग वाले पशु, चंचल स्वभाव की स्त्री, सरकारी अधिकारी पर भरोसा न करें।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, नदी का तेज बहाव किसी को बहाकर ले जा सकता है, चाहे आप कितने भी कुशल तैराक क्यों न हों, इसलिए नदी के बहाव पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए।
अगर किसी व्यक्ति के पास हथियार हो तो उस पर विश्वास न करें, क्रोध में आकर वो किसी को भी हानि पहुंचा सकता है, जिससे कारण आप भी परेशानी में फंस सकते हैं।
जिन जानवरों के नाखुन और सींग नुकीले और बड़े होते हैं उन पर विश्वास करने वाले को जान का जोखिम बना रहता है। ये जानवर कभी भी भड़क सकते हैं और हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार चंचल स्वभाव की स्त्रियों पर भी विश्वास नहीं करना चाहिए। ऐसी स्त्रियां अपने हित के लिए किसी का भी नुकसान करवा सकती हैं और धोखा दे सकती हैं।
सरकारी अधिकारी पर पर भी भरोसा नहीं करना चाहिए। ऐसे लोगों को भरोसा करके अगर हम अपने राज की बातें इन्हें बता देंगे तो ये उन बातों का हमारे खिलाफ उपयोग कर सकते हैं।