Spirituality

राम से शादी बाद सीता कितने साल नही गईं सुसराल, क्या थी वजह

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पवित्रता की सबसे बड़ी उदाहरण

सनातन धर्म में माता सीता पवित्रता की सबसे बड़ी उदाहरण हैं। रामायण में उनकी प्रमुख भूमिका लोगों को प्रेरित करती है। 

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लोगों को प्रेरणा देता है उनका चरित्र

माता सीता का चरित्र लोगों को प्रेरणा देता है। भगवान राम के प्रति अगाध श्रद्धा और सम्मान आज भी लोगों के लिए प्रेरणा बना हुआ है।

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लक्ष्मी का स्वरूप

सनातन धर्म में माता सीता को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। 

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बाल्यावस्था में हुआ था विवाह

वाल्मिकी रामायण के मुताबिक, माता सीता का विवाह बाल्यावस्था में हुआ था। तब उनकी उम्र सिर्फ 6 साल थी।
 

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12 साल की उम्र तक पिता के घर रहीं

माता सीता विवाह के बाद 12 साल की उम्र तक अपने पिता राजा जनक के घर रहीं।

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18 वर्ष की उम्र में वनवास

माता सीता जब भगवान राम के साथ वनवास पर निकली थीं। तब उनकी उम्र महज 18 साल थी।

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ससुराल जाने के बाद कभी नही गईं मायके

माता सीता एक बार अपने ससुराल अयोध्या आईं तो उसके बाद वह कभी भी अपने मायके जनकपुर नहीं लौटीं।

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राजा जनक ने भी जनकपुर चलने की दी थी सलाह

माता सीता को राजा जनक ने भी वनवास जाते समय जनकपुर चलने की सलाह दी थी।

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