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चमत्कार ! इन 10 मंदिरों के रहस्यों के आगे वैज्ञानिक भी नतमस्तक

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Lingaraja Temple (लिंगराज मंदिर)

ओडिसा के भुवनेश्वर में स्थित लिंगराज मंदिर में भगवान शिव और विष्णु की एक साथ पूजा की जाती है। यहां हिंदू के अलावा अन्य धर्म के लोगों का प्रवेश बिल्कुल वर्जित है। 

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Venkateswara Temple (तिरुपति मंदिर)

तिरुपति मंदिर आंध्रप्रदेश में स्थित है। यहां स्थित भगवान विष्णु की मूर्ति में असली बाल लगे हैं जो हमेशा मुलायम रहते हैं। वहीं मूर्ति से समुद्र की लहरों की आवाज आती है। 

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Baba Kaal Bhairav (बाबा काल भैरव)

वाराणसी भगवान शिव की नगरी है लेकिन शहर के कोतवाल हैं बाबा काल भैरव। जहां यमराज की भी नहीं चलती। बिना काल भैरव के दर्शन बिना बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन अधूरे माने जाते हैं। 

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Veerabhadra Temple (वीरभद्र मंदिर)

आंध्र प्रदेश में स्थित वीरभद्र मंदिर में 33 से ज्यादा खंबे हैं लेकिन यहां पर रहस्य बना हुआ हवा में लटकता खंबा जो जमीन से आधा इंच ऊपर उठा है। इसी खंबे पर पूरे मंदिर का भार टिका है।

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Mehandipur Balaji Temple (मेहंदीपुर बालाजी)

राजस्थान में दो पहाड़ियों के बीच स्थित मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में भूत-प्रेत भी नतमस्तक हो जाते हैं। यहां पर जो प्रसाद चढ़ता है भक्त उसका सेवनन नहीं करते हैं और न घर ला सकते हैं। 

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Meenakshi Temple (मीनाक्षी मंदिर)

तमिलनाडु के मुदरै में स्थित मीनाक्षी मंदिर रहस्यों से भरा है। यहां 33 हजार से ज्यादा मूर्तियां है। मीनाक्षी यानी मा पार्वती से शादी करने के लिए शिव सुंदरेश्वर में बदल गए थे। 

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Padmanabhaswamy Temple (पद्मनाभ स्वामी मंदिर)

पद्मनाभ स्वामी मंदिर भारत का सबसे अमीर मंदिर है। यहां पर 7 दरवाजें जिनमें से 6 खोले जा चुके हैं। लोगों का मानना है 7वें दरवाजें के पीछे अरबों का खजाना छिपा हुआ है। 

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Kailasa temple (कैलाश मंदिर)

एलोरा की गुफाओं में स्थित कैलाश मंदिर 90 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। ये मंदिर हाथियों पर टिका हुआ है। कहा जाता है कैलाश मंदिर को इंसानों ने नहीं अदृश्य शक्ति ने बनाया है। 

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Stambheshwar Mahadev (स्तम्भेश्वर महादेव)

गुजरात के कबोई गांव में स्थित स्तम्भेश्वर महादेव मंदिर ऐसा रहस्यमयी मंदिर हैं जो दिन में दो बार समुद्र में पूरी तरह से समा जाता है। इसे भगवान शिव का जलाभिषेक माना जाात है। 
 

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Kamakhya Devi (कामाख्या देवी)

असम स्थित कामाख्य देवी मंदिर में देवी की कोई प्रतिमा नहीं है। यहां सती माता की योनि की पूजा होती है। हर महीने पत्थर से खून निकलता है। माना जाता है माता मासिक धर्म से होती हैं। 

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