प्रेमानंद महाराज ने क्यों कहा ‘ये मृत्युलोक है, सभी की मृत्यु तय है?’

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प्रेमानंद महाराज ने क्यों कहा ‘ये मृत्युलोक है, सभी की मृत्यु तय है?’

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<p>सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक महिला प्रेमानंद बाबा से कह रही है कि ‘8 महीने पहले मेरे पुत्र की मृत्यु हो चुकी है, इस कारण मन विचलित है। गुरुजी बताए मैं क्या करूँ?’<br />
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पुत्र की मृत्यु से विचलित हूं

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक महिला प्रेमानंद बाबा से कह रही है कि ‘8 महीने पहले मेरे पुत्र की मृत्यु हो चुकी है, इस कारण मन विचलित है। गुरुजी बताए मैं क्या करूँ?’
 

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<p>प्रेमानंद बाबा ने कहा कि ‘पृथ्वी का नाम ही मृत्युलोक है। इसलिए यहां सबकी मृत्यु तय है। यहां कोई जवानी में मरता है तो कोई बुढ़ापे में। कुछ की मृत्यु अल्प आयु में भी हो जाती है।’</p>

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ये मृत्युलोक है

प्रेमानंद बाबा ने कहा कि ‘पृथ्वी का नाम ही मृत्युलोक है। इसलिए यहां सबकी मृत्यु तय है। यहां कोई जवानी में मरता है तो कोई बुढ़ापे में। कुछ की मृत्यु अल्प आयु में भी हो जाती है।’

 

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<p>प्रेमानंद बाबा ने महिला से कहा कि ‘तुम्हें उस पुत्र के जाने का दुख इसलिए हो रहा है क्योंकि तुमने उसे अपना माना। यदि ऐसा किसी दूसरे के साथ होता तो तुम्हें दुख नहीं होता।’<br />
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ये है दुख का कारण

प्रेमानंद बाबा ने महिला से कहा कि ‘तुम्हें उस पुत्र के जाने का दुख इसलिए हो रहा है क्योंकि तुमने उसे अपना माना। यदि ऐसा किसी दूसरे के साथ होता तो तुम्हें दुख नहीं होता।’
 

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ये शरीर भी हमारा नहीं

प्रेमानंद बाबा ने महिला से कहा कि ‘वास्तव में तो ये शरीर भी तुम्हारा नहीं है, तो वह पुत्र तुम्हारा कैसे हो सकता है? वो तो भगवान का पुत्र था, उसने तुम्हें दिया था और अब वापस बुला लिया।’

 

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सब कुछ ईश्वर के अधीन

प्रेमानंद बाबा ने कहा कि ‘जन्म और मृत्यु, ये सब ईश्वर के अधीन है। मनुष्यों का इस पर कोई वश नहीं है, इसमें कोई हस्तक्षेप भी नहीं कर सकता। कर्मों के अनुसार ही सबको फल मिलता है।’
 

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