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अगर आपका नीयर विजन कमजोर हो गया है और पढ़ाई के लिए आपकों आंखों पर चश्मा पहनना पड़ता है, तो भारत का ये पहला आई ड्राप है, जो आपका चश्मा सिर्फ 15 मिनट में उतार देगा। आईए जानते हैं।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने एनटोड फार्मास्यूटिकल्स के प्रेसवू आई ड्रॉप को मंजूरी दे दी है, जिसे प्रेसबायोपिया के इलाज में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।
यह आई ड्रॉप प्रेसबायोपिया से पीड़ित व्यक्तियों के लिए भारत का पहला स्पेशल साल्यूशन है, जिन्हें पढ़ने के लिए चश्मे का सहारा लेना पड़ता है। उनका चश्मा 15 मिनट में उतर जाएगा।
प्रेसबायोपिया नेत्र रोग है। जिसमें पास की नजर कमजोर हो जाती है। यह आमतौर पर 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में होता है और विश्व स्तर पर लाखों लोग इससे पीड़त हैं।
एनटोड फार्मास्यूटिकल्स के CEO निखिल के मसुरकर ने कहा कि प्रेसवू को वर्षों के रिसर्च एंड डेवलपमेंट के बाद तैयार किया गया है। DCGI की मंजूरी मिलना देश के लिए बड़ी उपलब्धि है।
यह आई ड्रॉप न केवल चश्मे से राहत देता है, बल्कि आंखों को चिकनाई बनाए रखता है। एडवांस डायनेमिक बफर टेक्नोलॉजी के साथ इसका प्रभाव लंबे समय तक रहता है, जिससे आखें सुरक्षित रहती हैं।
डॉ. आदित्य सेठी ने बताया कि प्रेसवू आई ड्रॉप 15 मिनट में नियर विजन को बेहतर बनाने में सक्षम है। जिससे चश्मे से छुटकारा मिल सकता है। इससे प्रेसबायोपिया का प्रभावी इलाज संभव होता है।
डॉ. धनंजय बाखले ने प्रेसवू की डायग्नोस्टिक कैपबिलिटी की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रेसबायोपिया रोगियों के लिए एक नॉन-इनवैसिव ऑप्शन देता है, जो चश्मे की जरूरत खत्म करता है।
एनटोड फार्मास्यूटिकल्स का प्रेसवू आई ड्रॉप भारत में नेत्र देखभाल के क्षेत्र में एक नई क्रांति लेकर आया है, जो प्रेसबायोपिया के इलाज में एक बड़ा कदम है।