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क्या सपने सच होते हैं? प्रेमानंद महाराज ने बताई बड़े काम की बात

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सपने का क्या मतलब?

एक भक्त प्रेमानंद महाराज से पूछता है कि रात में देखे गए सपने का क्या मतलब होता है?

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तीन तरह के होते हैं सपने

प्रेमानंद जी कहते हैं कि सपनों का कोई अर्थ नहीं होता है। स्वप्न 3 तरह के होते हैं। उन्हें सात्विक, राजसिक और तामसिक स्वप्न कहते हैं। स्वप्न में भगवान आएं तो समझो कि उनकी कृपा है।

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भक्त ने पूछा सवाल

एक भक्त महाराज जी से अजब सवाल पूछ बैठा। उसने पूछा कि एक तरफ आपने बताया कि सपने सच नहीं होते। दूसरी तरफ आपने बताया कि भगवान से जुड़े सपने सच होते हैं।

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भगवान सत्य हैं संसार नहीं

प्रेमानंद जी भक्त के सवाल का जवाब देते हुए कहते हैं कि संसार सत्य नहीं है। भगवान सत्य हैं, चाहे जागृत, सुसुप्त, भावना में जब जहां जैसे आएं। वही सत्य हैं। 
 

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सब मिट्टी में मिल जाएगा

वह भक्तों को समझाते हुए कहते हैं कि कहां गई मेरी बाल्यवस्था, न वह पहले थी, न बाद में थी। बीच में उसका वास हो रहा था। कहां गई जवानी, कुछ दिन बाद ही यह शरीर भी मिट्टी में मिल जाएगा।

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भगवान के स्वप्न में भेद नहीं माना जाता

वह कहते हैं कि भगवान थे, हैं और रहेंगे। इसलिए उनके लिए जागृत, सुसुप्ति और स्वप्न का भेद नहीं माना जाता हैं। यदि भावना में वह आ रहे हैं तो उनकी कृपा है। वह सत्य में आए हैं।

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