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कोलकाता में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने देश के मेडिकल प्रोफेशनल्स की सिक्योरिटी के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया है।
इस टास्क फोर्स का उद्देश्य देश भर में डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों के कार्यस्थलों पर सुरक्षा, कामकाज की स्थिति और उनकी भलाई को बेहतर बनाने के लिए सिफारिशें करना है।
मुख्य न्यायाधीश DY चंद्रचूड़ ने आदेश दिया कि यह टास्क फोर्स अपनी प्रोविजनल रिपोर्ट 3 सप्ताह के भीतर और फाईनल रिपोर्ट 2 महीने के भीतर सुप्रीम कोर्ट में जमा करेगी।
टास्क फोर्स में शामिल मेंबर्स में सर्जन वाइस एडमिरल R सरीन, डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी, डॉ. एम श्रीनिवास, डॉ. प्रतिमा मूर्ति, डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी, डॉ. सौमित्र रावत है।
इनके अलावा प्रो. अनीता सक्सेना (हेड, कार्डियोलॉजी, एम्स दिल्ली), प्रो. पल्लवी सप्रे (डीन, ग्रांट मेडिकल कॉलेज मुंबई) और डॉ. पद्मा श्रीवास्तव (न्यूरोलॉजी विभाग, एम्स) शामिल हैं।
इस टास्क फोर्स में भारत सरकार के कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष और राष्ट्रीय परीक्षक बोर्ड के अध्यक्ष भी शामिल हैं।
यह टास्क फोर्स डॉक्टरों की सिक्योरिटी को लेकर सिफारिशें करेगी, जिससे उनके कार्यस्थलों पर हिंसा और दुर्व्यवहार के मामलों को रोका जा सके।
सुप्रीम कोर्ट के इस कदम से उम्मीद है कि मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए सिक्योरिटी और हेल्दी वर्कप्लेस का निर्माण होगा, जिससे उनकी भलाई और पेशेवर विकास को बढ़ावा मिलेगा।