परिवार में सुसाइड: मुक्ति के लिए क्या करें? जानें प्रमानंद महाराज से
utility-news Nov 11 2024
Author: Rajkumar Upadhyaya Image Credits:facebook
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शख्स ने पूछा ये सवाल
एक शख्स ने पूछा कि उसके 20 साल के बेटे ने सुसाइड कर लिया। उसकी आत्मा की मुक्ति के लिए वह क्या कर सकते हैं?
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आत्महत्या करना बड़ा पाप
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि सुसाइड करना बहुत बड़ा पाप माना गया है। सुसाइड करने वाले शख्स की आत्मा प्रेत योनि में भटकती है।
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प्रेत योनि में बहुत कष्ट
वह कहते हैं कि प्रेत योनि में अपार कष्ट होता है। जीव को पानी भी उपलब्ध नहीं होता है। उसकी आत्मा की शांति के लिए श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन करना चाहिए।
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श्रीमद्भागवत पाठ के साथ 24 घंटे का नाम कीर्तन
प्रेमानंद जी कहते हैं कि जिस शख्स ने आत्महत्या की है। उसकी आत्मा की शांति के लिए श्रीमद्भागवत कथा के अलावा 24 घंटे का नाम कीर्तन भी कराना चाहिए।
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7 दिन तक कराएं श्रीमद्भागवत का पाठ
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि मृतक के लिए संकल्प लेकर श्रीमद्भागवत का पाठ कराना चाहिए और यह 7 दिन का होना चाहिए।
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मृतक की तस्वीर रखकर कराएं यह काम
वह कहते हैं कि मृतक की आत्मा की शांति के लिए उसकी तस्वीर रखकर 7 दिन तक श्रीमद्भागवत का पाठ कराए और फिर कथावाचक को उचित दक्षिणा भी जरूर दिया जाए।
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10 से 20 लोगों को कराएं भोजन
वह यह भी कहते हैं कि श्रीमद्भागवत कथा के बाद 10 से 20 लोगों को भोजन भी कराना चाहिए और यह सारा काम उस व्यक्ति के नाम संकल्प लेकर करना चाहिए। इससे उसका परम कल्याण होगा।