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Heatwave:भीषण गर्मी में हार्ट से लेकर ब्रेन तक के हो सकते हैं ये 7 रोग

Image credits: FREEPIK

शरीर के लिए घातक है हाई टेंप्रेचर

गर्मी अपनी पूरे रुआब में हैं। गर्म हवाओं के थपेड़े पूरे शरीर को झुलसा रहे हैं। मजबूरी में घर से बाहर निकल रहे लोगों के लिए ये लू के थपेड़े बड़े घातक होते हैं। 

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हीटवेव की चपेट में आने से हो सकते हैं ये 7 गंभीर रोग

डाक्टरों का कहना है कि गर्मी में डायबिटीज, हृदय रोग, ब्लड प्रेशर के रोगी अपना विशेष ख्याल रखें। आईए जाते हैं कि इस हीट वेव की चपेट में आने से कौन से 7 रोग हो सकते हैं।

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1. ब्रेन प्राब्लम

साइंटिस्टों का कहना है कि अधिक गर्मी के संपर्क में आने से भ्रम या स्मृति हानि का खतरा हो सकता है। शोध से पता चलता है कि यह कुछ मेंटल हेल्थ इश्यूज पैदा कर सकती है।

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2. हॉर्ट पर इफेक्ट

ज्यादा गर्मी हार्ट पर दबाव डालती है। यदि हार्ट सिस्टम बॉडी के इंटरनल टेंप्रेचर को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पाता है तो गर्मी से थकावट या हीट स्ट्रोक हो सकता है।

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3. फेफड़ों के फंक्शन पर असर

तेज गर्मी में सांस लेने से फेफड़ों की कार्यक्षमता भी प्रभावित हो सकती है। फेफड़े के रोगियों को गर्मियों में सूजन बढ़ने के साथ अस्थमा या COPD जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। 
 

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4. स्किन प्राब्लम

अत्यधिक गर्मी में स्किन झुलस सकती है या फिर दाने हो सकते हैं। हाई टेंप्रेचर और आर्द्रता की स्थिति में शरीर खुद को ठंडा नहीं कर पाता, जिससे स्किन रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।

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5. किडनी डिजीज का खतरा

अधिक गर्मी में रहने वालों के शरीर में पानी घटता है, जिससे किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। किडनी अपना काम ठीक से नहीं कर पाती, जिससे किडनी से संबंधित रोग हो सकते हैं।

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6. ब्रेन डिजीज का बढ़ जाता है खतरा

हाई टेंप्रेचर के कारण ब्रेन की हेल्थ पर गंभीर असर हो सकता है। द लैंसेट न्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार तेज गर्मी से माइग्रेन और अल्जाइमर जैसे रोग हो सकते हैं।

 

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7. टेंप्रेचर में बदलाव डालता है ब्रेन पर असर

यूनिवर्सिटी ऑफ कॉलेज लंदन के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजी के प्रमुख शोधकर्ता संजय सिसोदिया ने बताया कि तापमान में परिवर्तन (कम और अधिक दोनों) मस्तिष्क के लिए हानिकारक है।

 

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