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जब से कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान को परमाणु वैपेंस संपन्न देश कहते हुए इज्जत करने की बात कही हैं, तब से परमाणु हथियारों को लेकर नई बहस छिड़ गई है।
विश्व में 10 देश परमाणु हथियारों का सफलतापूर्वक परिक्षण कर चुके हैं। इन में से 5 देश अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन NPT में हस्ताक्षर करने वाले परमाणु संपन्न देश हैं।
परमाणु अप्रसार संधि (Non-Proliferation Treaty-NPT) का उद्देश्य विश्व भर में परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के साथ-साथ परमाणु परीक्षण पर अंकुश लगाना है।
01 जुलाई 1968 से इस समझौते पर हस्ताक्षर होना शुरू हुआ। अभी इस संधि पर कुल 190 देश हस्ताक्षर कर चुके हैं। भारत, इजरायल, पाकिस्तान, द.सुदान व उत्तरी कोरिया इसमें शामिल नहीं हैं।
उत्तरी कोरिया पहले परमाणु अप्रसार संधि मे शामिल था, लेकिन 2003 में वो हट गया। इज़राइल के पास भी परमाणु हथियार होने की व्यापक संभावना जताई जाती है।
इजराइल इसके बारे में जानबूझकर अस्पष्टता की नीति बनाए रखता है और यह स्वीकार नहीं करता है। इज़राइल किसी प्रकार के परमाणु परीक्षण आयोजित करने के लिए निश्चित रूप से ज्ञात नहीं है।
चीन, उत्तर कोरिया, फ्रांस, भारत, इज़राइल, पाकिस्तान, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के पास 12,100 परमाणु हथियार हैं, जिनमें से 9,400 सक्रिय सैन्य भंडार में हैं।
रूस के पास 5580 और संयुक्त राज्य अमेरिका के पास 5044 परमाणु हथियार हैं। जो दुनिया के लगभग 90% है।
फ्रांस के पास 290, ब्रिटेन के पास 225, चीन के पास 500, भारत-पाकिस्तान के पास 170-170, इजराइल के पास 90 और उत्तर कोरिया के पास 50 परमाणु हथियार हैं।
भले ही पाकिस्तान के पास भारत के बराबर परमाणु हथियार हों लेकिन भारत के पास मौजूद परमाणु हथियार पाकिस्तानी वैपेंस से कहीं ज्यादा खतरनाक हैं और उनकी मारक क्षमता भी कई गुना ज्यादा है।