‘एक देश-एक चुनाव’ बिल आज लोकसभा में पेश किया गया। लेकिन, इस बिल के लागू होने के बाद अगर किसी राज्य में सरकार गिरती है, तो क्या होगा? आइए जानते हैं इस बारे में।
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वन नेशन वन इलेक्शन: क्या है इसका मकसद?
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का मतलब है कि देशभर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं, जिससे चुनावों की प्रक्रिया सरल और सस्ती हो सके।
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चुनावों का बोझ कम करना मकसद
देश पर से बार-बार चुनावों का बोझ कम किया जा सके और सरकारों को अपनी कार्यप्रणाली पर ध्यान केंद्रित करने का मौका मिले।
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सरकार गिरने पर क्या होगा?
यदि किसी राज्य में सरकार गिरती है तो ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के तहत वहां चुनाव होंगे, लेकिन नए विधानसभा का कार्यकाल केवल अगले लोकसभा चुनाव तक होगा।
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फिर अगले लोकसभा चुनाव के साथ इलेक्शन
इसका मतलब है कि मध्यावधि चुनाव के बाद राज्य में एक नए चुनाव का समय अगले लोकसभा चुनाव के साथ समायोजित होगा।
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क्या कहता है विधेयक?
विधेयक के अनुसार, यदि लोकसभा या विधानसभा को बीच में भंग करना पड़ता है, तो पांच साल के भीतर बची हुई अवधि के लिए मध्यावधि चुनाव कराए जाएंगे।
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आखिरकार क्या होगा?
हालांकि, यह कानून 2029 से लागू करने की योजना है, 2029 में होने वाले लोकसभा चुनाव पहले की तरह होंगे। फिर ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की प्रक्रिया शुरू होगी।