स्‍वतंत्रता दिवस: तिरंगे के बारे में 9 इंटरेस्टिंग फैक्ट्स
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स्‍वतंत्रता दिवस: तिरंगे के बारे में 9 इंटरेस्टिंग फैक्ट्स

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रंगों का महत्व?
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भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रंगों का महत्व?

तिरंगा, केसरिया (साहस-बलिदान का प्रतीक), सफेद (सच्चाई-शांति) और हरे रंग (समृद्धि-विश्वास) से मिलकर बना है। तिरंगे के बीच में अशोक चक्र धर्म का प्रतीक है। इसमें 24 तीलियाँ हैं।
 

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भारतीय राष्ट्रीय ध्वज कब अपनाया गया?
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भारतीय राष्ट्रीय ध्वज कब अपनाया गया?

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को 22 जुलाई, 1947 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था, जो भारत की स्वतंत्रता से कुछ समय पहले का दिन था।

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तिरंगे काे किसने  डिज़ाइन किया था?
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तिरंगे काे किसने डिज़ाइन किया था?

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का मूल डिज़ाइन पिंगली वेंकैया ने तैयार किया था।

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अशोक चक्र का क्या महत्व है?

अशोक चक्र भारत के महान सम्राट अशोक के समय का प्रतीक है। यह 24 तीलियों वाला चक्र है जो "धर्म" का प्रतीक है, और भारत के संविधान में न्याय, समानता, सत्यमेव जयते के आदर्श दर्शाता है।

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क्या तिरंगा आम जनता द्वारा फहराया जा सकता है?

हाँ, ध्वज संहिता 2002 के अनुसार, भारतीय नागरिकों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार है, लेकिन ऐसा एक निर्धारित तरीके और सम्मान के साथ करना आवश्यक है।

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क्या तिरंगा किसी विशेष अवसर पर ही फहराया जा सकता है?

पहले, ध्वज को केवल राष्ट्रीय त्योहारों और विशेष अवसरों पर ही फहराया जाता था। लेकिन अब, ध्वज संहिता 2002 के बाद, इसे किसी भी दिन सम्मान के साथ फहराया जा सकता है।

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ध्वज का निर्माण किस सामग्री से किया जाना चाहिए?

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को खादी या हाथ से बुने हुए कपड़े से ही बनाया जाना चाहिए। यह महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन के साथ जुड़ा हुआ है।
 

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ध्वज के अनादर के क्या परिणाम हो सकते हैं?

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अनादर करने पर भारतीय कानून के तहत सजा का प्रावधान है। यह राष्ट्र की प्रतिष्ठा और सम्मान का प्रतीक है, और इसका अपमान करना दंडनीय अपराध है।

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क्या ध्वज को रात में फहराया जा सकता है?

ध्वज को केवल विशेष परिस्थितियों में रात में फहराया जा सकता है, जब वह जगह अच्छी तरह से प्रकाशित हो। शर्त होगी कि ध्वज का पोल लंबा हो और झंडा खुद भी चमके।

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