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तिरंगा, केसरिया (साहस-बलिदान का प्रतीक), सफेद (सच्चाई-शांति) और हरे रंग (समृद्धि-विश्वास) से मिलकर बना है। तिरंगे के बीच में अशोक चक्र धर्म का प्रतीक है। इसमें 24 तीलियाँ हैं।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को 22 जुलाई, 1947 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था, जो भारत की स्वतंत्रता से कुछ समय पहले का दिन था।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का मूल डिज़ाइन पिंगली वेंकैया ने तैयार किया था।
अशोक चक्र भारत के महान सम्राट अशोक के समय का प्रतीक है। यह 24 तीलियों वाला चक्र है जो "धर्म" का प्रतीक है, और भारत के संविधान में न्याय, समानता, सत्यमेव जयते के आदर्श दर्शाता है।
हाँ, ध्वज संहिता 2002 के अनुसार, भारतीय नागरिकों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार है, लेकिन ऐसा एक निर्धारित तरीके और सम्मान के साथ करना आवश्यक है।
पहले, ध्वज को केवल राष्ट्रीय त्योहारों और विशेष अवसरों पर ही फहराया जाता था। लेकिन अब, ध्वज संहिता 2002 के बाद, इसे किसी भी दिन सम्मान के साथ फहराया जा सकता है।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को खादी या हाथ से बुने हुए कपड़े से ही बनाया जाना चाहिए। यह महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन के साथ जुड़ा हुआ है।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अनादर करने पर भारतीय कानून के तहत सजा का प्रावधान है। यह राष्ट्र की प्रतिष्ठा और सम्मान का प्रतीक है, और इसका अपमान करना दंडनीय अपराध है।
ध्वज को केवल विशेष परिस्थितियों में रात में फहराया जा सकता है, जब वह जगह अच्छी तरह से प्रकाशित हो। शर्त होगी कि ध्वज का पोल लंबा हो और झंडा खुद भी चमके।