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गर्मी का अमृत माना जाने वाला तरबूज मार्केट में नकली बिक रहा है। क्या आप जानते हैं कि तरबूज को मीठा करने और लाल रंग देने के लिए उसमें केमिकल इंजेक्ट किया जाता है?
इंस्टाग्राम पर द सोशल जंक्शन एकाउंट से पोस्ट की गई क्लिप में एक नकाबपोश को तरबूज में खतरनाक केमिकल इंजेक्ट करते हुए दिखाया गया है। इस तरह के कई वीडियो मौजूद हैं।
विक्रेता तरबूज के गूदे के लाल रंग और शेल्फ लाइफ बढ़ाने के साथ ही मिठास को बेहतर बनाने के लिए एरिथ्रोसिन-बी (रेड-बी) जैसे रसायनों और रंगों को इंजेक्ट करते हैं।
हम जानते हैं कि मिलावटी तरबूज़ खाने से क्या होता है, लेकिन हम कैसे पहचानें कि उनके साथ छेड़छाड़ की गई है? केमिकल युक्त तरबूज के छिलके पर असामान्य दरारें हो सकती हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक केमिकल इंजेक्ट तरबूज़ों की पहचान के लिए उन फलों से सावधान रहना चाहिए जो बहुत ज़्यादा चमकीले या अस्वाभाविक रूप से पके हुए दिखते हैं।
लाल तरबूज़ ख़ास तौर पर बिना किसी रंग के बदलाव के संदिग्ध हो सकता है। अगर तरबूज एक जगह से नरम और दूसरी जगह से सख्त लगे, तो यह छेड़छाड़ का संकेत हो सकता है।
FSSAI के मुताबिक सबसे पहले तरबूज को आधा काटे फिर इसके गूदे पर साफ रूई को हल्के हाथों से घुमाएं। अगर रूई पर लाल रंग आता है तो समझ जाइए कि एरिथ्रोसिन की मिलावट है।
कई लोग तरबूज खरीदते समय उसे ठोक कर देखते हैं। ऐसा आपको भी करना चाहिए। जो तरबूज पका हुआ और मीठा होगा, उसे ठोकने पर तेज और खोखली आवाज़ आएगी।
अधपका और कच्चा तरबूज ठोकने पर कम आवाज करेगा। जब भी तरबूज खरीदें तो दोनों हाथों में अलग-अलग तरबूज लेकर उनका वजन नापें। जो अधिक वजनदार हो उसे ही खरीदें।
हमेशा विश्वसनीय दुकानदारों से फल खरीदें। ताजे फल खरीदने की कोशिश करें। प्राकृतिक कलर वाले और बाहर से ठोस दिखने वाले तरबूज खरीदें।
तरबूज के नीचे की तरफ़ एक मलाईदार पीले या नारंगी रंग के धब्बे खोजें। यह फ़ील्ड स्पॉट है जहां तरबूज पकने के दौरान बेल पर टिका रहता है। बिना धब्बे वाले फल खरीदने से बचें।