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भारत में परमाणु हमले के लिए क्या तय है रूल? जाने पूरा प्रॉसेज

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20 KG का होता है न्यूक्लियर ब्रीफकेस

प्रधानमंत्री के साथ हमेशा 1 SPG कमांडो चलता है, जिसके पास 1 ब्रीफकेस  होता है, जानते हैं इसे क्या कहते हैं? इसे परमाणु ब्रीफकेस कहा जाता है। इसका वजन लगभग 20 KG होता है।

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न्यूक्लियर ब्रीफकेस होता है बुलेटप्रूफ, होती हैं कई अहम डिटेल्स

इसमें कंप्यूटर और रेडियो ट्रांसमिशन उपकरण आदि सामान होता है और यह बुलेट प्रूफ भी होता है। इसमें उन ठिकानों की जानकारी होती है, जहां परमाणु हमला करना होता है।

 

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परमाणु हमले की रहती है जानकारी

अभी तक लगभग 5000 ठिकानों की पहचान की जा चुकी है और समय-समय पर इनकी समीक्षा करके इसमें नए ठिकानों को जोड़ा जाता है।

 

 

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प्रधानमंत्री रखते हैं अपना गुप्त कोड नेम

प्रधानमंत्री के पास एक स्मार्ट कोड होता है। यह कोड परमाणु हमला करने के लिए वेरिफिकेशन कोड के रूप में परमाणु कमांड को भेजा जाता है। भारत में PM अपने अनुसार कोड का नाम रखते हैं।

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प्रधानमंत्री के अलावा 2 अन्य लोगों के पास होते हैं स्मार्ट कोड

प्रधानमंत्री के अलावा 2 अन्य कोड होते हैं, जो लॉकर में बंद होते हैं। सेना में परमाणु बैटरी यूनिट, वायुसेना के कमांडिंग ऑफिसर के साथ 2 अन्य अधिकारियों के पास अलग-अलग लॉकर होते हैं।

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सेफ कोड के बारे में चुनिंदा लोगों काे ही होती है जानकारी

 

 इन्हें सेफ कोड कहते हैं। ये सेफ कहां रखे गए हैं, इसका पता सिर्फ कुछ अफसरों को ही होता है। इन सेफ़ों को रखने की जगह को समय-समय पर बदल दिया जाता है।
 

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तीनो स्मार्ट कोड सही मिलने पर ही हो सकता है परमाणु हमला

प्रधानमंत्री का स्मार्ट कोड को कमांडिंग ऑफिसर दोनों साथी अधिकारियों को यह कोड बताता है, जो अपने-अपने सेफ कोड खोलकर उसका मिलान करते हैं। तीनों कोड सही पाए जाने पर हमला किया जाता है।

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क्या प्रधानमंत्री का स्मार्ट कोड मिलने के बाद तुरंत हमला हो जाता है?

नही ऐसा नही होता है, क्योंकि हवाई हमले के लिए लड़ाकू विमान को तैयार करना या थल सेना बैटरियों और नौसेना द्वारा मिसाइलों को दागने की तैयारी में कुछ मिनट का समय लग सकता है।

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DRDO संभालता है पूरा सिक्योरिटी सिस्टम

DRDO पानी के भीतर परमाणु पनडुब्बी में नेटवर्क, परमाणु हमला करने के सक्षम वायुयानों और हवाई अड्डों पर कंप्यूटर और नेटवर्क से सम्बंधित पूरी जिम्मेदारी संभालता है।

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न्यूक्लियर अटैक के लिए फॉलों करने पड़ते हैं पूरे प्रॉसेज

किसी देश पर परमाणु हमला सिर्फ चुटकी बजाते नही किया जा सकता है। इसके लिए पूरी प्रक्रिया अपनाई जाती है, अधिकारियों के साथ सामंजस्य बैठाया जाता है और तकनीकी तैयारी भी करनी पड़ती है।

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न्यूक्लियर अटैक के रूल्स में संभव है भिन्नता

इस आर्टिकल में दी गयी जानकारी कुछ रक्षा विशेषज्ञों के विचारों पर आधारित है। जरूरी नहीं है कि भारत में परमाणु हमले की पूरी प्रक्रिया ऐसी ही हो, जैसी कि इस लेख में लिखी गयी है।

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