Utility News
बसपा सुप्रीमो ने करीब 5 महीने पहले 10 दिसंबर 2023 को भतीजे आकाश आनंद को पार्टी बैठक में अपना उत्तराधिकारी घोषित कर यह संदेश दिया था कि वह आकाश के सहारे बसपा को आगे बढ़ाएंगी।
और फिर 07 मई 2024 को अचानक से आकाश आनंद को सभी जिम्मेदारियों से मुक्त करने के सुश्री मायावती के ऐलान से खलबली मच गई। आकाश आनंद को फिलहाल सभी पालीटिकल एक्टिविटी पर रोक लगा दी है।
आकाश आनंद कौन हैं? कितने पढ़े लिखे हैं? बुआ-भतीजे की बांडिंग कैसी है? उनकों क्यो पार्टी के सभी पदों से हटाया गया? इन्ही सवालों का जवाब चलिए जानते हैं।
आकाश, मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं। आनंद कुमार भी पार्टी में सक्रिय रहे हैं। उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष भी बनाया गया था। हालांकि बाद में उन्हें इस पद से हटा दिया गया।
BSP सुप्रीमो मायावती के प्रिय एवं भरोसेमंद भतीजे आकाश आनंद की स्कूलिंग गुरुग्राम से हुई है। बाद में उन्होंने लंदन से मास्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) किया है।
MBA करने के बाद आनंद ने नौकरी करने के बजाए अपनी बुआ मायावती की विरासत बहुजन समाज पार्टी की नीतियों को आगे बढ़ाना चुना और उसमें वह जुट भी गए।
आकाश की राजनीति में एंट्री साल 2017 में हुई थी, जब वो सहारनपुर रैली में पहली बार मायावती के साथ मंच पर दिखे थे। पिछले 6 सालों में आकाश की सक्रियता पार्टी में बढ़ती रही है।
लोकसभा चुनाव 2019 में सपा -बसपा गठबंधन में अखिलेश और मायावती के बीच सुलह कराने में आनंद की भूमिका थी। गठबंधन से पहले 15 जनवरी 2019 को मायावती को जन्मदिन की बधाई देने गए थे।
2019 चुनाव में उन्होंने पार्टी का चुनाव प्रचार कैम्पेन मैनेज किया। समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद 2019 में ही मायावती ने उन्हें बसपा का को-ऑर्डिनेटर बनाया था।
फिर 2022 के यूपी चुनाव में पार्टी के सोशल मीडिया का मोर्चा संभाला। 2022 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बसपा के स्टार प्रचारकों की सूची में आनंद का नाम दूसरे नंबर पर था।
दिसंबर 2022 में आकाश की शादी बहुजन समाज पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ की बेटी डा. प्रज्ञा सिद्धार्थ के साथ हुई है। प्रज्ञा पेशे से डाक्टर हैं।
अगस्त 2023 में बसपा ने आकाश के नेतृत्व में 14 दिन की 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय संकल्प यात्रा' शुरू की थी। लंबी पदयात्रा और आकाश की सार्वजनिक भूमिका की खूब सराहना हुई थी।