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महाकुंभ का भव्य आयोजन जल्द ही शुरू होने वाला है, लेकिन अभी से देश-विदेश से संतों, बाबाओं और तपस्वियों का मेला क्षेत्र में आना शुरू हो गया है।
महाकुंभ में आए संत श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं असम के कामाख्या धाम से आए गंगापुरी महाराज, जो अपनी प्रतिज्ञा और कद के कारण चर्चा में हैं।
57 वर्षीय गंगापुरी महाराज की लंबाई मात्र साढ़े तीन फिट है। लेकिन उन्होंने इसे कभी अपनी कमजोरी नहीं माना। वे इसे अपनी शक्ति और साधना का प्रतीक मानते हैं।
महाराज ने बताया कि बचपन में ही वे सन्यास पथ पर चल पड़े थे और अपनी साधना को ऊंचाई पर ले जाने के लिए उन्होंने कई कठिन प्रतिज्ञाएं लीं।
उनकी विशेष प्रतिज्ञा यह है कि उन्होंने पिछले 32 वर्षों से स्नान नहीं किया है। गंगापुरी महाराज का कहना है कि उनके लिए यह एक आध्यात्मिक साधना है, जो उनकी आत्मशुद्धि का प्रतीक है।
गंगापुरी महाराज ने कहा कि वह शरीर का स्नान नहीं करते, केवल उनकी जटा का स्नान किया जाता है। उनका मानना है कि जटा का स्नान ही असली आध्यात्मिक स्नान है।