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13 जनवरी से प्रयागराज में शुरू होगा महाकुंभ। इसे पूर्ण कुंभ भी कहा जाता है और हर 12 साल में आयोजित होता है। मान्यता है कि कुंभ स्नान से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस बार 40 करोड़ से अधिक लोगों के आने का अनुमान। संगम के तट पर करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे। गृहस्थ यानी शादीशुदा लोगों के लिए खास नियम।
गृहस्थों को शाही स्नान के बाद ही संगम में स्नान करना चाहिए। साधु-संतों के स्नान के बाद स्नान करने से मिलता है विशेष पुण्य। इस नियम का पालन करना कुंभ स्नान को अधिक फलदायी बनाता है।
शास्त्रों के अनुसार, कुंभ स्नान के दौरान कम से कम 5 डुबकी लगानी चाहिए। हर डुबकी के साथ शरीर और आत्मा की शुद्धि होती है। यह प्रक्रिया विशेष आध्यात्मिक लाभ प्रदान करती है।
जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति। आत्मा को शुद्ध कर मोक्ष की ओर अग्रसर करता है। गृहस्थ लोगों के लिए नियमों का पालन अधिक पुण्यदायी।
इन दो नियमों का पालन कर आप महाकुंभ स्नान का पूर्ण लाभ ले सकते हैं।