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शहर के अंदरूनी इलाके में परिवहन सेवा उपलब्ध कराने वाली रेल गाड़ी "मेट्रो ट्रेन" कहलाती है, जबकि एक शहर को दूसरे शहर से जोड़ने वाली रेल, साधारण ट्रेन होती है।
वंदे मेट्रो ट्रेनों का लुक-इन्फ्रास्ट्रक्चर अन्य लोकल मेट्रो ट्रेनों से बढ़िया है। हाई क्लास इंटीरियर फेसिलिटी से लैस है। पैसेंजर्स के बैठने और खड़े होने का भी अरेंजमेंट है।
वंदे मेट्रो ट्रेनों की स्पीड लोकल मेट्रो की तुलना में अधिक होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसकी अधिकतम स्पीड 130 किमी प्रति घंटे की हो सकती है।
वंदे मेट्रो ट्रेन पूरी तरह वातानुकूलित तो होंगी ही साथ ही ट्रेन में कोचों के बीच आसान आवाजाही की भी सुविधा होगी।
वंदे मेट्रो ट्रेन आटोमेटिक गेट के अलावा, मोबाइल चार्जिंग, रूट इंडिकेटर डिस्प्ले, चौड़ी पैनोरमिक खिड़कियां, सीसीटीवी से लैस होंगी, जो इस ट्रेन को अन्य लोकल मेट्रो से अलग बनाती हैं।
पैसेंजर की सुरक्षा के लिए यह 'कवच' यानी ट्रेन एंटी कोलिजन सिस्टम से लैस है। यह सिस्टम पैसेंजर्स को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की तरह ही सिक्योरिटी उपलब्ध कराएगी।