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सड़क सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन करना अब आपको भारी पड़ने वाला है क्योकि दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक ने इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम शुरू करने का फैसला किया है।
इस सिस्टम के तहत बेंगलुरु-मैसूर रोड नेटवर्क कैमरों से लैस होगा। यहां लगाए गए कैमरे कानूनों का उल्लंघन करने वालों की पहचान करेंगे ताकि उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जा सके।
सरकार फास्टैग के जरिए चालान काटने की कोशिश कर रही है। इसके लिए टोल गेट को इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ने की भी कोशिश की जा रही है।
कर्नाटक पुलिस ने नशे में वाहन चलाने वालों की जांच के लिए राज्यों में 800 एल्कोमीटर समेत 155 लेजर स्पीड गन भी बांटी हैं।
ट्रैफिक एंड रोड सेफ्टी के एडीजीपी आलोक कुमार ने बताया कि 01 जुलाई से पूरा बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से लैस हो जाएगा।
ITMS टेक्नोलॉजी के तहत 50 प्रमुख जंक्शनों पर 250 ऑटोमेटिक नंबरप्लेट रिकग्निशन कैमरे, 80 रेडलाइट डिटेक्शन कैमरे लगाए गए हैं। 1 जुलाई से मैसूर में ट्रैफिक वॉयलेशन चालान शुरू होगा।
आलोक कुमार ने डेक्कन हेराल्ड को बताया कि मैसूर में ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर बनाया गया है। जल्द ही नियम तोड़ने वालों को रियल टाइम में SMS अलर्ट मिलने लगेंगे।
कैमरों की मदद से कई इलाकों पर नजर रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि बेंगलुरु को जोड़ने वाले सभी हाईवे पर ITMS लगाया जाएगा। राज्य सड़क परिवहन प्राधिकरण ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
बैठक में राज्य पुलिस की यातायात एवं सड़क सुरक्षा शाखा ने टोल गेटों पर चालान प्रणाली को फास्टैग से जोड़ने पर चर्चा की।इसके लिए जुलाई में सरकार की ओर से टेंडर जारी किए जाएंगे।
इससे जुर्माना सीधे फास्टैग वॉलेट से काटा जा सकेगा। ADGP ने इसकी मंजूरी के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को पत्र लिखने की योजना बनाई है।