अब उत्तराखंड में मुस्लिम तलाक के नए नियम, जानें नया प्रोसेस
Hindi

अब उत्तराखंड में मुस्लिम तलाक के नए नियम, जानें नया प्रोसेस

उत्तराखंड में UCC लागू
Hindi

उत्तराखंड में UCC लागू

उत्तराखंड ने देश में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर दी है, और वह पहला राज्य बन गया है जहां यह कानून प्रभावी हुआ है। 

Image credits: Social Media
UCC लागू होने के बाद तलाक के नये नियम
Hindi

UCC लागू होने के बाद तलाक के नये नियम

उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद मुस्लिम समुदाय के लिए तलाक की प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। इस्लामी कानूनों का पालन अब नहीं किया जाएगा। तलाक के लिए एक नया कानून।
 

Image credits: social media
अब तक मुस्लिम पर्सनल लॉ करता था काम
Hindi

अब तक मुस्लिम पर्सनल लॉ करता था काम

अब तक, मुस्लिम पर्सनल (शरिया) एप्लीकेशन एक्ट, 1937 के तहत मुस्लिमों के पारिवारिक मामलों जैसे विवाह, तलाक और विरासत इस्लामी कानूनों के तहत शासित होते थे। 
 

Image credits: X
Hindi

अब इस्लामी कानूनों का पालन नहीं होगा

लेकिन अब UCC लागू होने के बाद इन मामलों में इस्लामी कानूनों का पालन नहीं होगा। इसके बजाय सभी समुदायों के लिए एक समान कानून लागू होगा।

Image credits: X
Hindi

तलाक के अन्य तरीके भी होंगे समाप्त

तीन तलाक को पहले ही देश भर में अवैध था, और अब मुस्लिमों के लिए तलाक की अन्य विधियों, जैसे तलाक-ए-हसन, तलाक-ए-अहसन, तलाक-ए-बाईन, और तलाक-ए-किनाया भी समाप्त कर दी जाएंगी।

Image credits: X
Hindi

नये कानून में तलाक की प्रक्रिया क्या?

तलाक के लिए अब मुस्लिमों को एक कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा। शादी के तुरंत बाद तलाक का आवेदन नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए एक साल का समय निर्धारित किया गया है।
 

Image credits: X
Hindi

तलाक का ग्राउंड

तलाक के लिए पति-पत्नी को एक ही आधार पर आवेदन करना होगा। यानि, यदि कोई व्यक्ति तलाक चाहता है, तो उसे पहले एक साल की अवधि पूरी करनी होगी और फिर वह कोर्ट में आवेदन कर सकेगा।

Image credits: X
Hindi

दूसरी शादी

अब, मुस्लिम समुदाय के लिए भी वही नियम लागू होंगे जो हिंदू समुदाय के लिए हैं। किसी व्यक्ति को तलाक दिए बिना दूसरी शादी करने की अनुमति नहीं होगी।
 

Image credits: X
Hindi

मुस्लिम महिलाओं को भी मिलेगा बराबरी का अधिकार

UCC के तहत मुस्लिम महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 18 साल और पुरुषों के लिए 21 साल तय की गई है। 

Image credits: X
Hindi

इस्लामी कानून में था ये नियम

इससे पहले, इस्लामी कानून में लड़की के वयस्क होने की आयु निर्धारित नहीं थी, जिससे मुस्लिम लड़कियों की शादी कम उम्र में हो जाती थी।

Image credits: X
Hindi

संपत्ति का अधिकार

अब सभी धर्मों की लड़कियों को संपत्ति में बराबरी का अधिकार मिलेगा। इस बदलाव से मुस्लिम महिलाओं को भी संपत्ति में हिस्सा मिलेगा, जो पहले उनके लिए नहीं था।

Image credits: X

यूपी में कब और कैसे मिलेगा सस्ता घर? जानें नई योजना की पूरी डिटेल

बिना टिकट चढ़ गए ट्रेन में? जानिए क्या TTE से ले सकते हैं टिकट

Budget 2025: क्यों लाल रंग में पेश होता है भारत का बजट? 

कौन हैं उपेंद्र यादव? विराट कोहली के होते हुए बटोरी सुर्खियां