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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के प्रसार को प्रोत्साहित करने के लिए नई स्कीम PM इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन (PM E-ड्राइव ) को मंजूरी दे दी है।
ये नई योजना फेम इंडिया चरण II की जगह लेगी। इसे लागू करने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) 2 वर्षों में 10,900 करोड़ रुपये का बजट देगा। आईए जाने इसके उद्देश्य और लाभ क्या हैं।
नई PM E-ड्राइव योजना का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक दोपहिया, इलेक्ट्रिक तिपहिया, ई-एम्बुलेंस, ई-ट्रक और अन्य उभरते इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देना है।
इसके तहत कुल 3,679 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा E-बसों की खरीद के लिए 4,391 करोड़ और E-एम्बुलेंस के लिए 500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
इस योजना के तहत 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया, 3.16 लाख ई-तीन पहिया और 14,028 ई-बसों को वित्तीय सहायता दी जाएगी।
योजना का कार्यान्वयन 40 लाख से अधिक आबादी वाले 9 प्रमुख शहरों - दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद में किया जाएगा।
इन शहरों में कन्वीनियंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (CESL) की ओर से मांग कलेक्शन का प्रॉसेस संचालित की जाएगी।
इसके तहत लाभ लेने के लिए ई-वाउचर सिस्टम दिया जाएगा। EV- खरीदार को योजना पोर्टल पर आधार प्रमाणित ई-वाउचर तैयार करना होगा। फिर उस पर सिग्नेचर करके डीलर के पास जमा करना होगा।
डीलर द्वारा सिग्न्ड ई-वाउचर PM E-ड्राइव पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और SMS के माध्यम से खरीदार और डीलर को भेजा जाएगा। यह वाउचर मांग प्रोत्साहन की प्रतिपूर्ति के लिए आवश्यक होगा।
PM E-ड्राइव स्कीम का उद्देश्य EV वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित करना और चार्जिंग बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना को आसान बनाना है। इससे EV वाहनों की ओर लोगों का आकर्षण बढ़ेगा।