पुरुष होकर भी अलग-अलग मर्दों से संबंध...सवाल पर बोलें प्रेमानंद महाराज

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पुरुष होकर भी अलग-अलग मर्दों से संबंध...सवाल पर बोलें प्रेमानंद महाराज

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<p>भगवान कृष्ण और राधा रानी के अनन्य भक्त प्रेमानंद महाराज के दरबार में लोग अपने सवाल पूछते हैं। हाल ही में एक शख्स ने भी उनसे एक अजीब सवाल पूछा।<br />
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एक शख्स ने पूछा अजीब सवाल

भगवान कृष्ण और राधा रानी के अनन्य भक्त प्रेमानंद महाराज के दरबार में लोग अपने सवाल पूछते हैं। हाल ही में एक शख्स ने भी उनसे एक अजीब सवाल पूछा।
 

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<p>शख्स ने कहा कि वह मर्द है, फिर भी उसका आकर्षण पुरुषों के प्रति होता है। अलग-अलग पुरुषों के साथ डेली यौनाचार करता था। अब इससे निकलना चाहता हूॅं।<br />
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मर्दो से संबंध

शख्स ने कहा कि वह मर्द है, फिर भी उसका आकर्षण पुरुषों के प्रति होता है। अलग-अलग पुरुषों के साथ डेली यौनाचार करता था। अब इससे निकलना चाहता हूॅं।
 

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<p>शख्स ने आगे कहा कि आपसे प्रेरित होकर कुछ समय से इससे दूर हूॅं। फिर मन नहीं मानता। परिवार से तलाक की नौबत है। इससे निकलने का मार्ग बताएं।</p>

शख्स ने पूछा-'काम' से निकलने का मार्ग

शख्स ने आगे कहा कि आपसे प्रेरित होकर कुछ समय से इससे दूर हूॅं। फिर मन नहीं मानता। परिवार से तलाक की नौबत है। इससे निकलने का मार्ग बताएं।

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पाप से दूर होने में प्रेमानंद महाराज से मांगी मदद

शख्स ने यह भी कहा कि मैंने यह संकल्प लिया है कि शरीर को 2 महीने तक पवित्र रखूंगा। फिर आपके दर्शन करने आऊंगा। ताकि यह प्रेरणा मुझे पाप से दूर रखने में मदद करे।

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प्रेमानंद महाराज ने की शख्स की तारीफ

प्रेमानंद महाराज ने शख्स की तारीफ करते हुए कहा कि आपके अंदर अभी आत्मबल बचा है। तभी भरी सभा में अपनी बात रख रहे हैं। अपनी कमी बताने की हिम्मत सब में नहीं होती।
 

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कहा-सबका जीवन कुछ ऐसा ही

वह आगे कहते हैं कि इसमें आपकी गलती नहीं, बल्कि पूरी सृष्टि में काम का तांडव चल रहा है। कई लोग चुप्पी साधे हैं, तुम मुखर हुए। सबका जीवन कुछ ऐसा ही है।
 

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काम किसी को नहीं बख्शता

प्रेमानंद जी कहते हैं कि काम किसी को बख्शता नहीं है। सिवाय उसके जो भगवान को आश्रय मानकर भजन करता है। 

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कभी काम से नहीं मिलती तृप्ति

महाराज जी ने कहा कि काम सुख बुद्धि के कारण होता है और उस शख्स से पूछा कि क्या आज तक तृप्ति हुई? शख्स ने नहीं में जवाब दिया। 

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वहां सुख नहीं

प्रेमानंद जी ने कहा कि इसका मतलब है कि वहां सुख है ही नहीं। शरीर में मल, मूत्र के द्वार हैं। कुछ भी खाओ—पीओ। कुछ ही घंटे में मल मूत्र बन जाता है। 

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संतानो​त्पत्ति के लिए काम का आदर

वह कहते हैं कि संयम के द्वारा सिर्फ संतानो​त्पत्ति के लिए काम का आदर किया गया है। 

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डिस्क्लेमर

यहां दी गई जानकारी सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। hindi.mynation.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
 

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