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वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के सत्संग में देश भर से श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं।
एक भक्त ने पूछा कि क्या हमें हर गलत कर्म का हिसाब यहीं पर देकर जाना होता है?
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ऐसा तो नहीं कहा गया कि पूरे कर्म का हिसाब यहीं देकर जाना होता है। कर्म का हिसाब लादकर ले जाना होता है।
उन्होंने कहा कि जैसे-पुलिस घर से थाने तक पीटती हुई ले जाती है। फिर मुलजिम को जज के सामने पेश किया जाता है। यह सजा नहीं, बल्कि ब्याज है।
प्रेमानंद जी कहते हैं कि प्रमुख तौर पर सजा तो जज देगा। फिर सजा भोगो।
वह कहते हैं कि ऐसे ही यहां दिखाई दे रहे पाप की सजा सिर्फ ब्याज है। असली सजा नरक में मिलेगी। इसलिए कहता हूॅं कि नाम जप करो। उससे पाप मिट सकता है।