प्रेमानंद महाराज: ये तीन चीजें बर्बाद कर सकती हैं जीवन
utility-news Aug 22 2024
Author: Rajkumar Upadhyaya Image Credits:facebook
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कंचन, कामिनी और कीर्ति
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि भगवान का भजन छुड़ाने के लिए कंचन, कामिनी, कीर्ति और सिद्धियों का प्रलोभन और विभिन्न प्रकार के भय आते हैं।
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मन का भरोसा नहीं
वह कहते हैं कि मन का कोई भरोसा नहीं। कभी भी किसी का भी मन कहीं भी फिसल सकता है।
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काम (आकर्षण)
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, जब काम आकर्षण होता है तो भगवान छोटे नजर आते हैं और वह आकर्षण ज्यादा आनंद देने वाला नजर आता है।
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कंचन (धन)
साधक जब भक्ति मार्ग पर कदम रखता है और सही ढंग से चलना शुरू करता है तो धन के प्रति मोह उत्पन्न हो सकता है। कंचन यानी पैसा, साधक की साधना प्रभावित कर सकता है।
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सिद्धियों का प्रलोभन
सिद्धियों का प्रलोभन भी भक्ति में रुकावट डाल सकता है। जब साधक सिद्धियां प्राप्त करता है, तो वह इन सिद्धियों के आकर्षण में फंस सकता है।
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ऐसे मिलती है भक्ति की शक्ति
वह कहते हैं कि जब साधक कंचन, कामिनी, कीर्ति और सिद्धियों को भी स्वीकार नहीं करता है। तब भगवान उसके स्थूल, सूक्ष्म और कारण शरीर का राग हटाकर अपने में लगा लेते हैं।