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आज हम नेपाल राजघराने की उस प्रिसेंज के बारे में बताने जा रहे हैं जो भारत में महारानी बनने के बाद विधवा हो गई। उसके बाद उन्हें राजमाता का दर्जा मिला।
नेपाल राजघराने की इस राजकुमारी की फोटो देखने के बाद इनके पति ने तमाम राजघरानों की राजकुमारियों की फोटो एक झटके में रिजेक्ट कर दी थी।
इस राजकुमारी से मिलने के लिए इनके पति शादी से पहले ही बहुत आतुर थे, लेकिन उनकी यह तमन्ना सामाजिक मर्यादाओं की वजह से पूरी नहीं हो सकी।
दोनों लोगों की पहली मुलाकात शादी के मंडप में सीधे हुई। शादी के बाद नेपाल घराने की राजकुमारी किरण राज लक्ष्मी भारत की बहू बनकर आ गई थीं।
जी हां हम बात कर रहे हैं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां एवं ग्वालियर राजघराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया की। जिनका लंबी बीमारी के बाद 15 मई 2024 को निधन हो गया।
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा की भतीजी माधवी की शादी 8 मई 1966 को माधव राव सिंधिया के साथ हुई थी। शादी से पहले उनका नाम किरण राज लक्ष्मी था।
दरअसल, मराठी परंपरा के मुताबिक शादी के बाद नाम बदलने की परंपरा होती, जिसके बाद किरण राज्यलक्ष्मी से नाम बदलकर माधवीराजे सिंधिया रखा गया था।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर के सिंधिया राजघराने की बहू माधवी राजे की शादी का प्रस्ताव उनके मायके नेपाल राजघराने से ही सिंधिया परिवार को भेजा गया था।
माधवी राजे और माधव राव सिंधिया की शादी दिल्ली में हुई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राजीव गांधी के दोस्त माधवराव सिंधियां ट्रेन से ही ग्वालियर से बारात लेकर दिल्ली गए थे।
शादी के बाद माधवी राजे ग्वालियर के जय विलास पैलेस में ही रहती थीं। माधवी राजे के दो बच्चे ज्योतिरादित्य सिंधिया और चित्रांगदा सिंह हैं।
वर्ष 2001 में माधव राव की हवाई जहाज दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। 56 साल की उम्र में विधवा होने के बाद ज्योतिरादित्य महाराज बने। जिसके बाद वो राजमाता बनीं