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स्पैम कॉल और साइबर क्राइम को लेकर लोग परेशान एवं डरे हुए हैं, परंतु आज भी अधिकांश लोगों को ये पता नहीं है कि ये साइबर क्रिमिनल उनका मोबाइल नंबर, ईमेल कहां से लेते हैं?
ये सवाल आपके भी मन मे होगा, तो आईए जानते हैं कि आपका मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी स्पैम कॉल करने वालों को किन-किन तरीकों से और कहां-कहां से मिलता है, जिन्हें जानना बहुत जरूरी है।
दरअसल, आप ही अपने मोबाइल नंबर और ईमेल जाने-अनजाने में ऐसी कंपनियों तक पहुंचाते हैं, जो इन्हें फ्रॉड करने वाले गैंग को बेंच देती हैं।
अब सवाल उठता है कैसे तो सबसे पहला जवाब है कि जब भी हम कोई सोशल मीडिया अकाउंट बनाते हैं तो वहां अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर करते हैं।
जब हम प्ले स्टोर से कोई ऐप डाउनलोड करते हैं तो उसे कांटेक्ट नंबर समेत अपने पूरे फोन को एक्सेस करने की परमिशन दे देते हैं।
किसी मॉल या शॉपिंग वेबसाइट से खरीदारी करते समय अपना कांटेक्ट नंबर, एड्रेस, ईमेल डिटेल सबकुछ रजिस्टर्ड कर देते हैं।
अपना कांटेक्ट नंबर इंटरनेट पर किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, वेबसाइटों पर बिना चेक एवं वेरीफाई किए ही फिल कर देते हैं।
यहीं से ये कंपनियां आपके नंबर व अन्य डिटेल लेकर दूसरी कंपनियों को सेल कर देती हैं। जिसके बाद एडवर्टाइजमेंट कंपनियां आपको कॉल या मैसेज भेजने लगती हैं।
इसलिए कही भी अपना कांटेक्ट नंबर, ईमेल आईडी, एड्रेस आदि को फिल करने से पहले उसके बारे में जान समझ लें, अन्यथा की दशा में आपके पास भी इस तरह की फेंक कॉल आने लगेंगी।
स्पैम कॉल उन यूजर्स को जाती है, जो इस तरह की कॉल आंसर करते हैं, क्योकि स्कैमर्स को भरोसा होता है कि आज नहीं तो कल इस शख्स को अपना शिकार वो आसानी से बना सकते हैं।