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दिल्ली से देहरादून तक तापमान 44 डिग्री के पार बना हुआ है। ऐसे में एयर कंडीशनर की मांग बढ़ गई है। अगर आप विंडो-स्लिप्ट एसी के साथ बिल को लेकर परेशान हैं तो ये टिप्स जरूर अपनाएं।
विंडो और स्लि्ट एसी दोनों अपनी जगह बेस्ट रहते हैं अगर हॉल या बड़े रूम के लिए एयर कंडीशनर चाहिए तो स्लिप्ट और एक कमरे के लिए विंडो एसी बेस्ट रहता है।
एक तरफ विंडो और स्लिप्ट एसी की मांग है तो दूसरी तरफ दिन पर दिन इनवर्टर एसी खरीदने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। नॉर्मल एसी ऑफ होने पर हवा फेंकना बंद करता है।
इनवर्टर एसी बंद होने के बाद भी ठंडा रहता है,क्योंकि ये एडवासं टेक्नोलॉजी के साथ आता है। ये कमरे की जरूरत के हिसाब से हवा देता है। गर्मी कम होने पर इसमें बिजली का बिल भी कम आता है।
अब बात एसी से बढ़ते बिल की तो आप बिजली बिल को कंट्रोल कर सकते हैं। इसके लिए चाहे,विंडो-स्पिल्ट हो या फिर इनवर्टर एसी सभी में टंपेचर का ध्यान रखें।
अगर आप एसी को 16-17 के बीच में रखते हैं तो बिल ज्यादा आता है। ऐसे में हमेशा तापमान 24-26 के बीच में रखें। इसके साथ ही रूम को ठंडा करने के लिए पंखा चलाएं।
जिस रूम में एसी लगा है और वहां ज्यादा फर्नीचर है तो ये भी रूम को कम ठंडा करताहै और बिल ज्यादा आता है। आप एसी वाले कमरे से फर्नीचर कम करें ताकि रूम ठंड रहे।
अगर आपके रूम में सीधा धूप आती है तो एसी लगवाने से बचें। क्योंकि धूप से कमरा गर्म रहता है और उसे ठंडा करने के लिए एसी पर ज्यादा लोड पड़ेगा जिससे बिल ज्यादा आएगा।