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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस सप्ताह यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सिस्टम में दो महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन परिवर्तनों का उद्देश्य UPI को और अधिक सुगम और व्यापक बनाना है।
पहला प्रमुख परिवर्तन कर पेमेंट की लिमिट में वृद्धि है। पहले UPI के माध्यम से टैक्स पेमेंट की लिमिट1 लाख रूपए थी, जिसे अब बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है।
यह ग्रोथ टैक्स पेयर्स के लिए बड़े पेमेंट को डिजिटल तरीके से आसान बनाएगी। दूसरा बदलाव 'डेलीगेटेड पेमेंट्स' सुविधा का परिचय है।
इस नई सुविधा में प्राईमरी यूजर्स किसी अन्य को अपने बैंक एकाउंट से UPI ट्रांजेक्शन करने के लिए ऑथराईज्ड कर सकता है। सेकेंडरी यूजर्स के पास UPIसे जुड़े अलग एकाउंट की जरूरत नहीं होगी।
यह सुविधा विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी, जिनके पास सेकेंडरी यूजर्स से जुड़ा बैंक एकाउंट नहीं है, जैसे कि सीनियर सिटिजंस और बच्चे।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इन परिवर्तनों से UPI का यूज और भी सरल और सुविधाजनक हो जाएगा।
NPCI के CEO दिलीप असबे और फोनपे के को-फाउंडर समीर निगम ने भी इन परिवर्तनों की सराहना की है, और उम्मीद जताई है कि इससे UPI अपनाने में तेजी आएगी।
इन नए बदलावों के साथ, UPI पेमेंट सिस्टम में एक नई ऊंचाई पर पहुंच जाएगी, जो डिजिटल ट्रांजेक्शन को और अधिक सुलभ बनाएगी।