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Vastu Shastra Tips: वर्कप्लेस को व्यवस्थित रख्नने से पॉजिटिव एनर्जी मिलती है, जिससे प्रोडक्टविटी, सेटिस्फेक्शन और ओवरऑल सक्सेस ग्रोथ बढ़ जाती है। बढ़े काम के हैं ये 10वास्तु टिप्स।
वास्तु के अनुसार ऑफिस भवन उत्तर, उत्तर-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इन दिशाओं से समृद्धि आती हैं। इंट्रेंस प्वाइंट पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
ऑफिस का लेआउट इस तरह से डिज़ाइन हो कि वहां स्वतंत्र मूवमेंट और एनर्जी निर्बाध हो सके।रिसेप्शन उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में और रिसेप्शनिस्ट का मुंह उत्तर या पूर्व की ओर होना चाहिए।
सीनियर अफसरों के केबिन दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण या पश्चिम क्षेत्र में होना चाहिए और उन्हें उत्तर या पूर्व की ओर मुंह करके बैठना चाहिए। इससे नेतृत्व और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।
प्रोडेक्टविटी बढ़ाने के लिए, कर्मचारियों को काम करते समय उत्तर या पूर्व की ओर मुंह करके बैठना चाहिए। इससे बॉस और कर्मचारियों में सामंजस्य बना रहता है।
ऑफिस के मध्य भाग को हमेशा खुला और अव्यवस्था-मुक्त रखना चाहिए। इस स्थान को ब्रह्मस्थान कहा जाता है। इस स्थान को एनर्जी के स्वतंत्र प्रवाह के लिए खाली और साफ रखना चाहिए।
केबिन और वर्कस्टेशन की व्यवस्था इस तरह होनी चाहिए कि वे आराम और ध्यान की भावना को बढ़ावा दें। सीनियर अफसरों के केबिन दक्षिण-पश्चिम कोने में हों। ये शक्ति का प्रतीक है।
वास्तु के अनुसार ऑफिस की सजावट और रंग आपके मूड और एनर्जी लेबल पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। दीवारों के लिए सफेद, क्रीम, हल्का नीला या हरा जैसे हल्के रंगों का चयन करें।
वास्तु के अनुसार ऑफिस की सजावट और रंग आपके मूड और एनर्जी लेबल पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। दीवारों के लिए सफेद, क्रीम, हल्का नीला या हरा जैसे हल्के रंगों का चयन करें।
पौधों को ऑफिस में रखने से शुद्ध हवा मिलती हैं। पॉजिटिव एनर्जी भी लाते हैं।कृत्रिम पौधों और सूखे फूलों से बचें। ये वास्तु में अशुभ होता है। उत्तर-पूर्व दिशा में प्रेरक पोस्टर लगाएं।
एक व्यवस्थित और अव्यवस्था-फ्री ऑफिस शांति और दक्षता को बढ़ावा देता है। महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट और फाइलों को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें, क्योंकि यह स्थिरता का प्रतीक है।