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महिलाओं में स्ट्रोक का खतरा पुरुषों की तुलना में अधिक होता है। यह जानना जरूरी है कि इसके पीछे कौन-कौन से कारण हैं।
महिलाओं में उम्र के साथ स्ट्रोक का जोखिम बढ़ता है। विशेष रूप से 55 वर्ष से ऊपर की महिलाओं में यह खतरा ज्यादा होता है।
महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन, जैसे मेनोपॉज के दौरान, स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकते हैं। एस्ट्रोजन हार्मोन के कम स्तर से समस्याएं होती हैं।
हाई ब्लड प्रेशर महिलाओं में स्ट्रोक का प्रमुख कारण है। इसे समय पर नियंत्रित न करने पर स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
डायबिटीज भी महिलाओं में स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाता है। बढ़ा हुआ ब्लड शुगर खून की नसों को नुकसान पहुंचा सकता है।
धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन भी स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है। ये आदतें खून की नसों को कमजोर बनाती हैं।
संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और धूम्रपान से दूर रहकर स्ट्रोक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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