लंदन में चल रहा था अच्छा-खासा बिजनेस, लेकिन कैंसर के कारण भारत लौटना पड़ा; यहां 'मटका मैन' के नाम से हुए फेमस

By Team MyNationFirst Published Oct 12, 2021, 8:20 PM IST
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ये हैं 70 साल के अलगरत्तम नटराजन। इन्हें दिल्लीवासी मटका मैन (Matka Man) कहते हैं। इसके पीछे इनकी दरियादिली और नेक काम हैं। ये जब भी साउथ दिल्ली में पानी का संकट खड़ा होता है, जरूरमंदों को पानी सप्लाई करने निकल पड़ते हैं।

नई दिल्ली. ये हैं 70 साल के अलगरत्तम नटराजन। इन्हें दिल्लीवासी मटका मैन(Matka Man) कहते हैं। इसके पीछे इनकी दरियादिली और नेक काम हैं। ये जब भी साउथ दिल्ली में पानी का संकट खड़ा होता है, जरूरमंदों को पानी सप्लाई करने निकल पड़ते हैं। इन्होंने करीब 40 साल लंदन में बिताए। वहां अच्छा-खासा बिजनेस चलता था। लेकिन एक दिन पता चला कि कैंसर है। उसका इलाज कराने भारत आए, तो फिर वापस नहीं गए। अब ये समाजसेवा करते हैं। अनाथालय और कैंसर मरीजों की मदद करते हैं और चांदनी चौक में बेघरों के लिए लंगर चलाते हैं। लोगों को पानी उपलब्ध कराने के कारण ये अधिक चर्चित हुए।

नटराजन के मुताबिक, 40 साल लंदन में रहने के दौरान वो सुकून नहीं मिला, जो अपने देश में मिलता है। नटराजन को आंत का कैंसर हो गया था। इलाज के लिए उन्होंने भारत लौटने का फैसला लिया और फिर वापस लौटने का मन नहीं हुआ। अब लोगों की सेवा करने में खुशी मिलती है।

नटराजन ने अपनी वैन में 800 लीटर का टैंकर, पंप और जेनरेटर लगवाया है। वे साउथ दिल्ली के इलाके में निकलते हैं और 80 से अधिक मटकों में पानी भरते हैं। ये मटके नटराजन ने ही रखवाए हैं।

नटराजन के मटकों में पानी भरने की कहानी एक गार्ड की पीड़ा सुनने के बाद शुरू हुई थी। एक गार्ड काफी दूर पानी लेने जाता था। उसने बताया कि जहां वो ड्यूटी करता है, वहां के लोग उसे पानी नहीं देते। यह बात नटराजन को बहुत बुरी लगी और उन्होंने प्यासे लोगों को पानी मुहैया कराने की प्रण ले लिया।

पहले जब नटराजन मटकों में पानी भरने निकलते थे, तो लोगों को लगता था कि शायद सरकार ने उन्हें इस काम के लिए लगाया होगा। बाद में जब मालूम चला कि वे लोगों की सेवा कर रहे हैं, तो उनके प्रति लोगों का आदर बढ़ता गया।

नटराजन इस मुहिम का पूरा खर्चा अपनी जेब से उठाते हैं। अब कुछ लोग उनकी मदद को भी आगे आने लगे हैं। नटराजन बताते हैं कि मटकों में पानी भरने; खासकर गर्मियों में रोज 2000 लीटर पानी की जरूरत पड़ती है। नटराजन ने जगह-जगह 100 साइकिल पंप भी लगवाए हैं, ताकि साइकिल वालों को 24 घंटे मुफ्त में हवा मिल सके।

नटराजन को अपनी इस मुहिम में परिवार का पूरा साथ मिलता है। नटराजन कई NGO से जुड़े हैं, जो गरीबों की मदद करते हैं। नटराजन कहते हैं कि उन्हें लोगों की मदद करने से बहुत खुशी मिलती है।

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