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भारत के नाम एक और उपलब्धिः लद्दाख में सबसे ऊंची सड़क बनाकर तोड़ा बोलिविया का रिकार्ड

Published : Aug 06, 2021, 01:13 PM ISTUpdated : Aug 06, 2021, 06:52 PM IST
भारत के नाम एक और उपलब्धिः लद्दाख में सबसे ऊंची सड़क बनाकर तोड़ा बोलिविया का रिकार्ड

सार

Ladakh में सड़क को बनाने में BRO को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। खराब मौसम से भी लगातार जूझना पड़ा है। ठंड के मौसम में यहां पर तापमान माइनस 40 डिग्री तक नीचे चला जाता था। साथ ही सामान्य जगहों पर भी ऑक्सीजन लेवल में 50 फीसदी की गिरावट आ जाती थी।

नई दिल्ली। भारत सीमा पर लगातार मजबूती से पकड़ बनाने में जुटा हुआ है। लद्दाख (ladakh) में बार्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (Border roads organisation) ने दुनिया की सबसे ऊंची सड़क (highest road of world) बना दी है। यह सड़क पूर्वी लद्दाख (Eastern ladakh) के उमलिंगला पास (Umlingala Pass) में स्थित है, जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 19,300 फीट है। 

भारत ने तोड़ा बोलिविया का रिकार्ड

लद्दाख में सबसे ऊंची सड़क बनाकर भारत ने बोलिविया (Bolivia) रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दुनिया की सबसे ऊंची सड़क का रिकॉर्ड बोलिविया के नाम था। बोलिविया के उतुरुंसू ज्वालामुखी (Uturuncu Volcano)  के पास स्थित सड़क समुद्र तल से 18, 953 फीट की ऊंचाई पर है।
रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) के अनुसार यह सड़क 52 किलोमीटर लंबी है और उमलिंगला पास के जरिए पूर्वी लद्दाख के चुमार सेक्टर को जोड़ती है। यह सड़क स्थानीय लोगों के लिए काफी लाभदायक होगी। वजह, यह चिसुम्ले और डेमचॉक को लेह से जोड़ने के लिए वैकल्पिक रास्ता देती है। 

माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप से भी ज्यादा ऊंचाई पर

डिफेंस मिनिस्ट्री के अनुसार यह सड़क नेपाल (Nepal) में माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) के बेस कैंप से भी ज्यादा ऊंचाई पर है। नेपाल में माउंट एवरेस्ट का दक्षिणी बेस कैंप 17,598 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। जबकि तिब्बत (Tibet) में स्थित उत्तरी बेस कैंप 16,900 फीट की ऊंचाई पर है। वहीं सियाचिन ग्लेशियर से भी यह काफी ऊंचा है, जो कि 17,700 फीट की ऊंचाई पर है। इसके अलावा लेह में स्थित खारदुंग ला पास की बात करें तो उसकी भी ऊंचाई केवल 17,582 फीट ही है। बीआरओ ने यह उपलब्धि खराब मौसम से जूझते हुए अपनी संकल्पशक्ति के बल पर हासिल किया है।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस सड़क के बनने के बाद लद्दाख की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। यहां पर पर्यटन (tourism) को भी बढ़ावा मिलेगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस सड़क को बनाने में बीआरओ (BRO) को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। खराब मौसम से भी लगातार जूझना पड़ा है। ठंड के मौसम में यहां पर तापमान माइनस 40 डिग्री तक नीचे चला जाता था। साथ ही सामान्य जगहों पर भी ऑक्सीजन लेवल में 50 फीसदी की गिरावट आ जाती थी।  

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