R Thyagarajan of Shriram Group: श्रीराम ग्रुप के फाउंडर और मैथमेटिशियन आर त्यागराजन ने अपनी गाढ़ी कमाई के 6210 करोड़ रुपये दान कर दिए हैं। उनके पास सिर्फ एक छोटा सा घर और सस्ती कार बची है। वह मोबाइल भी इस्तेमाल नहीं करते हैं।
R Thyagarajan of Shriram Group: श्रीराम ग्रुप के फाउंडर और मैथमेटिशियन आर त्यागराजन ने अपनी गाढ़ी कमाई के 6210 करोड़ रुपये दान कर दिए हैं। उनके पास सिर्फ एक छोटा सा घर और सस्ती कार बची है। वह मोबाइल भी इस्तेमाल नहीं करते हैं। उनका मानना है कि मोबाइल का प्रयोग करने से ध्यान भटकता है।
1974 में की श्रीराम ग्रुप की स्थापना
तमिलनाडु के एक संपन्न किसान परिवार में जन्में आर त्यागराजन ने गणित में ग्रेजुएशन की डिग्री ली और कोलकाता के भारतीय सांख्यिकी संस्थान से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। साल 1961 में उन्होंने न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी में एक प्रशिक्षु अधिकारी के रूप में करियर शुरू किया। फिर साल 1974 में दोस्तों के साथ मिलकर कॉमर्शियल फाइनेंशियल बिजनेस शुरु किया। श्रीराम चिट्स की नींव रखी। अब श्रीराम ग्रुप 90 हजार करोड़ की कम्पनी बन चुकी है।
साधारण कार इस्तेमाल करते हैं आर त्यागराजन
आर त्यागराजन ने उन कम आय वालों को लोन देकर अपना बिजनेस एम्पायर खड़ा किया है, जिन्हें बैंक कर्ज देने को तैयार नहीं होते हैं। कम संसाधनों में जीवन निर्वाह करने वाले आर त्यागराजन 6 लाख रुपये की कार यूज करते हैं। उन्होंने अपनी ज्यादातर संपत्ति दान कर दी है।
23 मिलियन से अधिक कस्टमर
श्रीराम ग्रुप के कस्टमर्स की संख्या 23 मिलियन से अधिक है। श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड, ग्रुप की प्रमुख कम्पनी है। जिसका बाजार मूल्य करीबन 8.5 बिलियन डॉलर है। जून की तिमाही में कम्पनी का मुनाफा करीबन 200 मिलियन डॉलर था। उनका मानना है कि वेतन उत्साह बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि किसी को खुश रखने के लिए सक्षम होना चाहिए।
आर त्यागराजन को मिल चुका है पद्म भूषण
आर त्यागराजन को भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने अपनी सारी हिस्सेदारी कर्मचारियों के एक ग्रुप को दी है। मतलब अपना सारा पैसा श्रीराम ओनरशिप ट्रस्ट को स्थानान्तरित कर दिया है। पश्चिमी व्यावसायिक पत्रिकाएं पढ़ने वाले आर त्यागराजन को शास्त्रीय संगीत पसंद है।
श्रीराम ग्रुप में काम करते हैं 1.08 लाख लोग
श्रीराम ग्रुप में 1.08 लाख वर्कर हैं। कम्पनी ट्रकों, ट्रैक्टरों वगैरह को ऋण देने के लिए जानी जाती है। एक मीडिया को दिए गए इंटरव्यू में आर त्यागराजन ने बताया है कि उन्होंने यह कम्पनी शुरु ही इसलिए की थी ताकि यह साबित कर सकें कि बिना क्रेडिट इतिहास वाले लोगों को लोन देना रिस्की नहीं है। करीबन 86 साल के त्यागराजन यह भी कहते हैं कि उन्होंने 750 मिलियन डॉलर डोनेट किया है। हालांकि कब उन्होंने अपनी संपत्ति दान की। इसका खुलासा नहीं हो सका है। वह समस्याओं से उलझे लोगों के जीवन से कुछ बुरा खत्म करना चाहते हैं।