स्वदेशी युद्धपोत Vikrant अरब सागर में निकला इतिहास रचने, पीएम मोदी बोले- मेक इन इंडिया का है एक अद्भुत उदाहरण

By Team MyNationFirst Published Aug 7, 2021, 1:23 PM IST
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अरब सागर में निकले युद्ध पोत आईएनएस विक्रांत के बोर्ड में अधिकारियों व नाविकों समेत 1500 लोग शामिल हैं। परीक्षण पूरा होने के बाद इसे तैनात किया जा सकेगा।

कोच्चि। देश का स्वदेशी विमान वाहक 1, विक्रांत, अरब सागर में परीक्षण के लिए निकल चुका है। परीक्षण चार दिनों तक चलेगा। विमानवाहक पोत का निर्माण भारतीय नौ सेना (Indian Navy) के कोचीन शिपयार्ड ने किया है। आत्मनिर्भर भारत के तहत गौरवशाली इतिहास की गाथा विक्रांत लिखने जा रहा है। भारत में निर्मित होने वाला यह अबतक का सबसे बड़ा और बेहतरीन युद्धपोत है। पीएम मोदी ने स्वदेशी विमान वाहक विक्रांत के परीक्षण के लिए रवाना होने पर कहा कि यह ऐतिहासिक है। मेक इन इंडिया का सबसे बड़ा और उम्दा उदाहरण विक्रांत के लिए भारतीय नौसेना और कोचिन शिपयार्ड को बधाई।

The Indigenous Aircraft Carrier 'Vikrant', designed by Indian Navy's Design Team and built by , undertook its maiden sea sortie today. A wonderful example of . Congratulations to and on this historic milestone. pic.twitter.com/AjnafkxOaT

— Narendra Modi (@narendramodi)

 

दरअसल, बुधवार को अरब सागर (Arabian Sea) में शुरू हुए चार दिवसीय परीक्षण के पहले भी इस विमान वाहक पोत का मूल परीक्षण दिसंबर 2020 में हो चुका है। 

युद्धपोत में हैं करीब 1500 अधिकारी और नाविक

अरब सागर में निकले युद्ध पोत विक्रांत (Vikrant, Indigenous aircraft carrier) के बोर्ड में अधिकारियों व नाविकों समेत 1500 लोग शामिल हैं। परीक्षण पूरा होने के बाद इसे तैनात किया जा सकेगा। 

देश का पहला एयरक्राफ्ट कैरियर, 1999 में डिजाइन किया गया

विक्रांत (Vikrant) देश का पहला एयरक्राफ्ट कैरियर (first Made in India aircraft carrier)  है। इसकी टॉप स्पीड 52 किलोमीटर प्रति घंटे बताई गई है। इसमें 14 फ्लोर हैं और 2300 कंपार्टमेंट हैं। इस पर 1700 नौसैनिक तैनात किए जा सकते हैं। इस जहाज पर 30 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं। यह एयरक्राफ्ट कैरियर करीब 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है।

इस जहाज की डिजाइन पर काम सन् 1999 में शुरू हुआ था। फरवरी 2009 में यह बनाना शुरू किया गया था। बनकर तैयार होने के बाद पहली बार इसे 29 दिसंबर 2011 को बाहर निकाला गया था। 12 अगस्त 2013 को इसे अधिकारिक तौर पर लांच किया गया था। देश के पहले स्वदेशी युद्धपोत (IAC) का मूल परीक्षण दिसंबर 2020 में पूरा किया गया था। पूर्ण रूप से तैयार स्वदेशी विमान वाहक का अरब सागर में चार दिवसीय परीक्षण शुरू हो चुका है। 

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