20 दिनमें तैयार इस हॉस्पिटल को जरूरत के हिसाब से कहीं भी मूव कराया जा सकता है। ये हॉस्पिटल अमेरिकन-इंडिया फाउंडेशन की मदद से तैयार हुआ है।
बैतूल : मध्यप्रदेश के बैतूल जिला अस्पताल परिसर में फोल्डिंग अस्पताल बनाया गया है। अमेरिकन-इंडिया फाउंडेशन की मदद से तैयार इस अस्पताल बैलून से बनाया गया है। यह ICU, ऑक्सीजन बेड जैसी सुविधाओं से लैस है। इसमें 50 बेड की सुविधा है। इस अस्पताल पर हवा, पानी और आग का भी कोई असर नहीं होगा। इतना ही नहीं जरूरत के हिसाब से इसे कहीं भी मूव किया जा सकता है।
मध्यप्रदेश के बैतूल जिला अस्पताल परिसर में फोल्डिंग अस्पताल बनाया गया है। अमेरिकन-इंडिया फाउंडेशन की मदद से तैयार इस अस्पताल बैलून से बनाया गया है। यह ICU, ऑक्सीजन बेड जैसी सुविधाओं से लैस है। इसमें 50 बेड की सुविधा है। इस अस्पताल पर हवा, पानी और आग का भी कोई असर नहीं होगा। इतना ही नहीं जरूरत के हिसाब से इसे कहीं भी मूव किया जा सकता है।
सिर्फ 20 दिन में तैयार बैलून अस्पताल
महज 20 दिन में तैयार इस हॉस्पिटल में 8 ICU बेड, 13 ऑक्सीजन बेड और 25 जनरल बेड उपलब्ध हैं। ऑक्सीजन पाइप लाइन सपोर्ट वाला बेड, स्टैंड और मरीजों को मिलने वाली अन्य सुविधाएं इस अस्पताल में हैं। इस हॉस्पिटल में रिसेप्शन एरिया, डॉक्टर लॉज, एक्जामिनेशन हॉल, डॉक्टर, नर्स, मरीज वॉशरूम, मरीजों को भर्ती करने की पूरी सुविधा है। हॉस्पिटल ने सेंटर लाइन ऑक्सीजन की सुविधा भी है। दिल्ली की कंपनी पीडी मेडिकल इसे तैयार किया है।
आग-पानी और हवा भी होगा बेअसर
अस्पताल की दीवारें इंफ्लेटेबल टेंट से बनी हैं, जिसका आग, पानी और हवा भी कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। इंफ्लेटेबल टेंट को अग्निरोधी मैटेरियल से बनाया गया है। यह हॉस्पिटल इंफ्लेटेबल टेंट है, जो बैलून में हवा भरकर तैयार किया जाता है। 120 फुट लंबाई और 80 फुट चौड़ाई के इस टेंट में अंदर ACP सीट्स के जरिए पार्टिशन और अन्य सजावट की गई है। ऐसे ही मैटेरियल से इसका फ्लोर भी बनाया गया है।
3 घंटे में खड़ा हो जाता है अस्पताल
इस बैलून को खड़ा करने के लिए एयर कम्प्रेशर मोटर्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे गर्म हवा इस बैलून टेंट में भेजी जाती है। इसके बाद यह 3 घंटे में हवा के जरिए खड़ा हो जाता है। जानकारी के मुताबिक, टेंट को खड़ा करने के लिए गर्म और ठंडी दोनों हवा का इस्तेमाल होता है। स्ट्रक्चर फायर, वाटर प्रूफ तो है ही, इस पर बाहरी तेज हवा आंधी का कोई फर्क नहीं पड़ता। वहीं रेत की बोरिया भी भरकर रखी जाती हैं। इसे पंचर करने जैसी घटनाएं कभी नहीं हुई। इसके लिए 24 घंटे सुरक्षा दस्ता तैनात रहेगा।
कहीं भी कर सकते हैं शिफ्ट
कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए इस बैलून हॉस्पिटल को तैयार किया गया है। अभी बैतूल में कोरोना की स्थिति न के बराबर है। ऐसे में अस्पताल में दूसरे मरीज भर्ती हो सकेंगे। इस अस्पताल में सारी सुविधाएं हैं। इसे आसानी से कहीं भी शिफ्ट किया जा सकता है। इस अस्पताल के लिए जिला चिकित्सालय की तरफ से फ्लोर उपलब्ध करवाया गया था। जबकि सीवरेज और पीने के पानी की व्यवस्था की जिम्मेदारी नगरपालिका प्रशासन को सौंपी गई है।