साइंटिस्ट्स ने स्पेस में खोजा वह प्वाइंट, जहां मिले 'शिव-शक्ति', खुलेंगे ब्रह्मांड के रहस्य

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Mar 22, 2024, 9:32 PM IST
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वैज्ञानिकों ने तारों के दो प्राचीन स्‍ट्रीम (धारा) की तस्वीर कैप्चर की है। माना जा रहा है कि उनके मिलन से आकाशगंगा निर्माण का प्रॉसेस शुरू हुआ था, जो अरबो साल पहले आपस में मिल गई थीं। उसी के बाद मिल्की वे का निर्माण हुआ।

नयी दिल्ली। वैज्ञानिकों ने तारों के दो प्राचीन स्‍ट्रीम (धारा) की तस्वीर कैप्चर की है। माना जा रहा है कि उनके मिलन से आकाशगंगा (Galaxy) निर्माण का प्रॉसेस शुरू हुआ था, जो अरबो साल पहले आपस में मिल गई थीं। उसी के बाद मिल्की वे (Milky Way) का निर्माण हुआ। उनका नाम 'शिव' और 'शक्ति' रखा गया है। साइंटिस्ट्स के मुताबिक, इस खोज से दुनिया के निर्माण के रहस्य से पर्दा उठाने में मदद मिलेगी। यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के 'गाया स्पेस टेलीस्कोप' (Gaia space telescope) की मदद से यह तस्वीरें ली गईं।

अरबों साल बाद भी कर सकते हैं आइडेंटिफाई
 
रिपोर्ट्स के अनुसार, मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी (एमपीआईए) की ख्याति मल्हान इस खोज की अगुवाई कर रही थीं। उनका कहना है कि अरबो साल बाद भी हम इन्हें एक ग्रुप के तौर पर आइडेंटिफाई कर सकते हैं, जबकि इन सितारों का जन्म होने के बाद से आकाश गंगा में कई बदलाव हुए। गाया टेलीस्कोप के ऑब्‍जर्वेशन में यह डाटा मिलें। उनकी ऑर्बिट्स को विजुअलाइज किया गया तो दो नय स्ट्रक्चर दिखें। उनका केमिकल कंपोजिशन अद्भुत है। 

 

. has unveiled two ancient streams of stars, named Shakti and Shiva, dating back over 12 billion years. These streams played a crucial role in forming the early Milky Way, with each containing the mass of about 10 million suns. 1/

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— Erika  (@ExploreCosmos_)

आकाशगंगा के निर्माण में इनकी भूमिका अहम

ख्याति के अनुसार, शुरुआती स्टडी में ऐसे संकेत मिले हैं कि आकाशगंगा के निर्माण में इन तारों की महत्वपूर्ण भूमिका संभव है। हालांकि यह जानने के लिए रिसर्च जारी है। आपको बता दें कि अक्सर स्पेस टेलीस्कोप से ली गई तस्वीरें लोगों को सरप्राइज कर देती हैं। उन्हीं तस्वीरों के जरिए वैज्ञानिक ब्रह्मांड के रहस्यों से पर्दा उठाने की कोशिश में जुटे रहते हैं। उसी प्रयास के क्रम में यह रहस्य उजागर हुआ है। 

2013 में लॉन्च किया गया था गाया स्पेस क्राफ्ट

यूरोपीय स्पेस एजेंसी ही गाया स्पेस क्राफ्ट को संचालित करती है। यह मिशन खगोल विज्ञान से जुड़ा है, जो स्पेश में तारों की पोजीशन और गति मापता है। इसे दिसंबर 2013 में लॉन्च किया गया था। इसका मुख्य मकसद आकाशगंगा का सटीक 3डी मैप बनाना है। यह मिल्की वे में मौजूद करीबन एक अरब तारों की पोजीशन, डिस्टेंस, स्पीड और अन्य गुणों को मापने का काम करता है। 

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