रतन टाटा के 30 वर्षीय मैनेजर और PA ने कैसे खड़ी की खुद की कंपनी, जानें क्या है नेटवर्थ?

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Aug 10, 2023, 7:02 PM IST
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रतन टाटा भारत के दिग्गज व्यवसायी हैं। टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा की अगुवाई में कम्पनी ने व्यवसाय जगत की ऊचाइयां छुईं हैं। अब, उम्र के ढलान पर उनका सहारा 30 वर्षीय युवक शांतनु नायडू बने हैं।

मुंबई। रतन टाटा भारत के दिग्गज व्यवसायी हैं। टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा की अगुवाई में कम्पनी ने व्यवसाय जगत की ऊचाइयां छुईं हैं। अब, उम्र के ढलान पर उनका सहारा 30 वर्षीय युवक शांतनु नायडू बने हैं। नायडू पहली बार तब सुर्खियों में आए थे। जब रतन टाटा का बर्थडे मनाते हुए उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। रतन टाटा अविवाहित हैं। शांतनु नायडू की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, वह रतन टाटा के निजी सहायक और कंपनी के महाप्रबंधक के तौर पर कार्यरत हैं। 

रतन टाटा का बिजनेस और निवेश देखते हैं शांतनु नाएडू

रतन टाटा, शांतनु नायडू को अपने बेटे की तरह मानते हैं। नायडू, रतन टाटा के बिजनेस और उनके निवेश को भी देखते हैं। उनके साथ साये की तरह रहने वाले शांतनु इंजीनियर, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर, राइटर और इंटरप्रेन्योर हैं। शांतनु ने अमेरिका के उसी कॉर्नेल विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। जहां से रतन टाटा ने पढ़ाई की थी। साल 1993 में महाराष्ट्र के पुणे में जन्मे शांतनु नायडू टाटा ग्रुप में काम करने वाले अपने परिवार के 5वें पीढ़ी के सदस्य हैं।

शांतनु नाएडू का स्टार्टअप है गुडफेलोज

साल 2018 में अमेरिका के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के बाद शांतनु वापस देश लौटे और टाटा ट्रस्ट के कार्यालय में काम करने लगे। शांतनु ने अपना एक स्टार्टअप गुडफेलोज भी शुरु किया है। जिसमें रतन टाटा ने इंवेस्टमेंट किया है। यह स्टार्टअप सी​नियर सिटीजन के लिए काम करता है। हालांकि Goodfellows में रतन टाटा ने कितना इंवेस्टमेंट किया है। इसकी पुख्ता जानकारी नहीं मिल सकी है।

रतन टाटा ने शांतनु को क्यों बनाया असिस्टेंट ?

रतन टाटा ने शांतनु नाएडू को अपना असिस्टेंट क्यों बनाया? यह बातें नाएडू ने अपनी किताब ‘I Came Upon a Lighthouse’ में लिखी हैं। कुत्तों से लगाव रखने वाले शांतनु ने मुंबई के लावारिस कुत्तों को बचाने के लिए एक अभियान चलाया था। उन्होंने कुत्तों के गले में चमकदार पट्टा डालने का अभियान चलाया था। ताकि लावारिस कुत्तों को सड़क हादसों से बचाया जा सके। उनके इस काम से रतन टाटा इम्प्रेस हुए। वह नाएडू से इतने इम्प्रेस हुए कि उन्होंने शांतनु को कॉल कर अपने असिस्टेंट की जॉब दे दी। 

जानिए क्या है Goodfellows की कुल नेट वर्थ?

शांतनु नाएडू सावित्रीबाई फुले, पुणे विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं। कॉर्नेल जॉनसन ग्रेजुएट स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से पढ़ाई की। बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर हैं। हालांकि शांतनु नाएडू को स्टार्टअप के जरिए होने वाली इनकम का कोई आंकलन नहीं हो सका है। हालांकि ट्रैक्सन के अनुसार, गुडफेलो की कुल नेट वर्थ करीबन 5 करोड़ रुपये है।

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