मणिपुर के रहने वाले Thounaojam Niranjoy Singh ने अपना ही रिकार्ड तोड़ा है। दो बार के गिनीज बुक वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर निरंजॉय ने एक मिनट में 109 पुश-अप करके 105 पुश-अप्स का पिछला रिकॉर्ड तोड़ा है।
इंफाल। पूर्वोत्तर ने एक बार फिर पूरे देश को गौरवान्वित करने का मौका दिया है। मणिपुर के 24 वर्षीय युवक ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। अपनी अंगुलियों के बल पर एक मिनट में सबसे अधिक पुश-अप कर युवक ने यह रिकार्ड बनाया है।
अपना ही रिकार्ड तोड़ा है युवक ने
मणिपुर के रहने वाले Thounaojam Niranjoy Singh ने अपना ही रिकार्ड तोड़ा है। दो बार के गिनीज बुक वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर निरंजॉय ने एक मिनट में 109 पुश-अप करके 105 पुश-अप्स का पिछला रिकॉर्ड तोड़ा है। पूर्व में यह रिकार्ड यूनाइटेड किंगडम के ग्राहम माली के पास था। मानी ने साल 2009 में यह विश्व रिकार्ड बनाया था। यह प्रयास इंफाल के एज़्टेक फाइट स्टूडियो में एज़्टेक स्पोर्ट्स मणिपुर (Aztecs Sports Manipur) द्वारा किया गया था।
कई तरह के गिनीज बुक वर्ल्ड रिकार्ड है निरंजॉय के नाम
निरंजॉय, इंफाल पश्चिम जिले के नारन कोंजिन ममंग लीकाई के रहने वाले हैं। उनके पिता थौनाओजम राजेन सिंह (Thounaojam Rajen Singh) हैं। 2019 में निरंजॉय ने एक मिनट में सबसे ज्यादा एक आर्म लेग पुश अप का रिकॉर्ड तोड़ा था। अगले साल 2020 में, उन्होंने एक मिनट में सबसे ज्यादा एक आर्म नक्कल पुश अप्स का रिकॉर्ड बनाया था।
एज़्टेक स्पोर्ट्स मणिपुर के संस्थापक डॉ. थंगजाम परमानंद ने बताया कि यह एक भारतीय द्वारा 13 साल के अंतराल के बाद विश्व रिकॉर्ड तोड़ने का एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि एज़्टेक स्पोर्ट्स मणिपुर के अधिकारी नए रिकॉर्ड को सत्यापित करने के लिए प्रयास किए गए वीडियो लंदन में जीबीडब्ल्यूआर को भेजेंगे। सिंह को तीन महीने बाद उनकी उपलब्धि का प्रमाण पत्र मिलेगा।
गिनीज बुक वर्ल्ड रिकार्ड के पर्यवेक्षक रहे मौजूद
गिनीज द्वारा निर्धारित पर्यवेक्षकों के समक्ष GBWR के लिए प्रयास किया गया था। इन पर्यवेक्षकों में एल उमाकांत सिंह कार्यकारी अध्यक्ष, किकबॉक्सिंग एसोसिएशन, मणिपुर; जसोबंता के, वुशु राष्ट्रीय कोच; सूरज निंगथौजा, बॉडीबिल्डिंग एसोसिएशन ऑफ मणिपुर; पद्मेश्वर, टेक हेड, किकबॉक्सिंग एसोसिएशन मणिपुर; लेम्बा सलाम, टेक हेड, एज़्टेक स्पोर्ट्स मणिपुर; गोबिन याबेम, चार बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक, और विद्यासागर, दो बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक मौजूद रहे।