सबसे पहले हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाने का संकल्प करें। उन्हें स्वच्छता बेहद प्रिय है। रामभक्त को सिंदूर का चोला चढ़ाने से पहले आप स्वयं को स्नान करके शुद्ध कर लें। मन में किसी प्रकार के अपवित्र विचार नहीं आने दें।
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चोला चढ़ाने के समय सिर्फ लाल रंग की धोती धारण करें। हनुमान जी की प्रतिमा के सामने दीपक जलाकर रख दें। उनके उपर चोला चढ़ाने के लिए चमेली के तेल का प्रयोग करें। यानी उनकी प्रतिमा पर अच्छी तरह चमेली का तेल लगाने के बाद सिंदूर लगाए। जिसकी वजह से सिंदूरी चोला हनुमान जी की प्रतिमा में लग जाएगा। हनुमान जी को चमेली का तेल अत्यंत प्रिय है।
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हनुमान जी के सामने जो दीपक प्रज्जवलित करें उसमें भी चमेली का तेल ही प्रयोग करें। चमेली के तेल में डूबी हुई तेल की बाती बहुत आसानी से जल जाती है। हनुमान जी के उपर सिंदूर का चोला चढ़ाने के बाद उन्हें गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें। इसके बाद केवड़े का इत्र लेकर हनुमान जी के दोनों ही कंधों के उपर छिड़क दें।
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इसके बाद हनुमान जी के सामने केले या पीपल के पत्ते पर गुड़ और भिगोया हुए चना भोग(प्रसाद) के रुप में अर्पित करें। इसके बाद सामने बैठकर 108 मनकों वाली तुलसी की माला लेकर 'राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे, सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने' इस मंत्र की पांच माला जपें।
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इसके बाद हनुमान जी के सामने केले या पीपल के पत्ते पर गुड़ और भिगोया हुए चना भोग(प्रसाद) के रुप में अर्पित करें। इसके बाद सामने बैठकर 108 मनकों वाली तुलसी की माला लेकर 'राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे, सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने' इस मंत्र की पांच माला जपें।
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भगवान हनुमान को चढ़ाए हुए गुलाब के फूलों की माला में से एक फूल तोड़ लें। उसे लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रख दें। इस टोटके से आपको धन की कभी कमी नहीं आएगी।
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