1) कोकिलाबेन को पसंद नहीं थे धीरूभाई अंबानी
रिलायंस के संस्थापक रहे धीरूभाई अंबानी ने 2002 में दुनिया को अलविदा कह दिया था। वह देश के बड़े बिजनेसमैन में शामिल थे। मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि उनकी शादी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। 1955 में उनकी शादी कोकिलाबेन मोदी से हुई थी, वह पहली नजर में कोकिलाबेन को दिल दे बैठे थे लेकिन इससे इतर कोकिलाबेन को धीरूभाई अंबानी बिल्कुल पसंद नहीं थे। उन्होंने काले रंग के कारण परिवार वालों से शादी के लिए साफ मना कर दिया था लेकिन घरवालों के कहने पर वह शादी से इन्कार ना कर सकीं और धीरूभाई अंबानी की जीवन संगनी बनीं।
2) शादी के बाद बदली कोकिला बेन अंबानी की जिंदगी
धीरूभाई अंबानी से शादी करने के बाद एक शहर में रहने वाली कोकिलाबेन अंबानी की जिंदगी में यूटर्न आया। जो कभी एक शहर से दूसरे शहर जाने में डरती थीं,वह पति के साथ यमन जा चुकी थीं। उन्होंने कभी भी समंदर में चलता स्टीमर नहीं देखा था लेकिन सौभाग्य से वह यमन पहुंची। उन्हें नई-नई चीजों की जिज्ञासा होती थी। जिसका जवाब धीरूभाई अंबानी आराम से देते थे। वहीं यमन में रहने के बाद वह मुंबई शिफ्ट हो गईं। जहां से उनकी जिंदगी बदल गई। रिलायंस इंडस्ट्री की स्थापना करने के बाद धीरूबाई अंबानी उन्हें हर इवेंट में लेकर जाते थे। कोकिलाबेन मोदी हिचकिचाती थीं क्योंकि उन्हें गुजरातीके अलावा कोई भाषा नहीं आती थी। उन्होंने मुंबई में रहकर इंग्लिश सीखी थी।
3) कोकिलाबेन अंबानी का ज्ञान बढ़ाते धीरूभाई अंबानी
धीरूभाई अंबानी कोकिलाबेन के हिचकिचाने पर भी उन्हें साथ लेकर जाते। रिपोर्ट्स की मानें तो वह मानते हैं अलग-अलग लोगों से मिलने पर कुछ ना आने पर भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वह कोकिलाबेन को चीन,जापान, फ्रांस,इटली जैसे देशों में घुमाते और वहां का खाना खिलाते। यही वजह रही कि कोकिलाबेन की हिचक दूर हुई और वह अच्छी पत्नी होने के साथ मां भी साबित हुईं।
4) कोकिलाबेन की सलाह पर काम करते थे धीरूभाई अंबानी
धीरूभाई अंबानी कोई भी नया प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले कोकिलाबेन की सलाह जरूर लेते थे। उनके विचारों के बिना वह किसी भी नये काम की शुरुआत नहीं करते थे। इतना ही नहीं अगर वह किसी दूसरे शहर या देश जाते थे तो कोकिलाबेन को काम से जुड़ी जिम्मेदारी सौंप के जाते थे।