Success Story: भारतीय सेना के मेजर जनरल की बेटी अंबिका रैना ने स्विटजरलैंड में अपने आरामदायक करियर को छोड़कर UPSC परीक्षा में सफलता हासिल की। 2022 में UPSC CSE में 164वीं रैंक प्राप्त कर, अब वे भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा (IA&AS) में अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। उनका सफर साहस, मेहनत और एक बड़े उद्देश्य की ओर प्रतिबद्धता की मिसाल है।
शुरुआत: सेना के अनुशासन से प्रेरणा
जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर में जन्मीं अंबिका का बचपन भारतीय सेना के अनुशासन में बीता। उनके पिता मेजर जनरल थे, जिसके कारण वे विभिन्न शहरों में रहीं और अलग-अलग संस्कृतियों से परिचित हुईं। इसने उनकी सोच को व्यापक बनाया और समाज के लिए कुछ करने की भावना विकसित की।
स्विट्जरलैंड में आर्किटेक्चर का करियर
अंबिका ने अहमदाबाद के CEPT विश्वविद्यालय से वास्तुकला में डिग्री प्राप्त की। अपनी प्रतिभा और नवाचार क्षमता के कारण उन्हें स्विट्जरलैंड की एक शीर्ष आर्किटेक्चर फर्म में इंटर्नशिप मिली। वहाँ उन्हें एक आकर्षक नौकरी और उज्ज्वल अंतरराष्ट्रीय करियर की संभावनाएँ मिलीं, लेकिन देश की सेवा का सपना उन्हें वापस भारत खींच लाया।
UPSC के लिए क्या रही अंबिका की रणनीति?
1. सिलेबस की गहरी समझ
2. पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण
3. मॉक टेस्ट और उत्तर लेखन का नियमित अभ्यास
4. विश्वसनीय अध्ययन सामग्री का उपयोग (लक्ष्मीकांत, नितिन सिंघानिया, आदि)
5. इंटरनेट का सीमित लेकिन प्रभावी उपयोग
164वीं रैंक और बड़ी सफलता
अपने तीसरे प्रयास में अंबिका ने UPSC CSE में 164वीं रैंक प्राप्त की और उन्हें IA&AS सेवा में नियुक्ति मिली। उनकी सफलता सिर्फ उनकी अध्ययन रणनीति का परिणाम नहीं थी, बल्कि उनकी मानसिक मजबूती और परीक्षा के अप्रत्याशित पहलुओं को स्वीकारने की क्षमता भी थी।
अब नए UPSC उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा
आज, अंबिका UPSC की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से वे अपनी यात्रा, रणनीतियाँ और प्रेरणादायक विचार साझा करती हैं, जिससे हजारों उम्मीदवार लाभान्वित हो रहे हैं।
सरकारी सेवा में उत्कृष्ट योगदान
IA&AS अधिकारी के रूप में अंबिका अब सरकारी वित्तीय खातों का ऑडिट कर रही हैं और पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित कर रही हैं। उनकी प्रतिबद्धता और जुनून यह दर्शाता है कि सही इरादों के साथ, कोई भी बड़ा बदलाव ला सकता है।