UPSC की कहानियां हमेशा प्रेरणादायक होती हैं, लेकिन कुछ ऐसी होती हैं जो असाधारण रूप से खूबसूरत और संघर्षों से भरी होती हैं। 2021 बैच के IPoS अधिकारी गजेंद्र कुमार मीना की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उन्होंने 5 प्रयासों और अनगिनत संघर्षों के बाद UPSC CSE पास किया और भारतीय डाक सेवा (IPoS) में एक प्रतिष्ठित पद हासिल किया।
संघर्ष की कहानी – UPSC की राह आसान नहीं थी!
गजेंद्र कुमार मीना राजस्थान के भरतपुर से हैं। उन्होंने IIT हैदराबाद से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक किया और फिर UPSC की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए। उन्होंने इंटरव्यू में 151 नंबर प्राप्त किए, जिसमें उनके DAF (विस्तृत आवेदन पत्र) से लेकर समसामयिक मामलों तक के प्रश्न पूछे गए। उन्होंने बताया कि कई तथ्यात्मक प्रश्न पूछे गए, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में उनके ज्ञान का परीक्षण हुआ।
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Gajendra Kumar Meena: पांच बार हुए असफल
1. 2017 – पहली बार मुख्य परीक्षा में असफल।
2. 2018 – इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन अंतिम सूची में जगह नहीं बना पाए।
3. 2019 – फिर से मुख्य परीक्षा में असफल।
4. 2020 – 733वीं रैंक के साथ UPSC CSE पास कर IPoS अधिकारी बने!
5. 2021 – एक और प्रयास किया, लेकिन मुख्य परीक्षा पास नहीं कर पाए।
गजेंद्र कुमार मीना की इस यात्रा से स्पष्ट है कि संघर्ष के बिना सफलता नहीं मिलती। UPSC परीक्षा सिर्फ़ एक नौकरी पाने का साधन नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र की सेवा करने का माध्यम है।
गजेंद्र कुमार मीना के साक्षात्कार टिप्स – सफलता के लिए जरूरी बातें!
1. हमेशा ईमानदार रहें: इंटरव्यू के दौरान झूठ बोलने से बचें। "अगर आप झूठ बोलते हैं, तो वे इसे पकड़ लेंगे," उन्होंने कहा।
2. धैर्य बनाए रखें: इंटरव्यू पैनल आपको दबाव में डाल सकता है। ऐसे में घबराएं नहीं और आत्मविश्वास बनाए रखें।
3. ‘मुझे नहीं पता’ कहने से न डरें: अगर किसी प्रश्न का उत्तर नहीं जानते तो स्पष्ट रूप से कहें "मुझे नहीं पता"। झूठा उत्तर देने की कोशिश न करें।
4. बातों को घुमाने से बचें: सवालों का जवाब सीधे और सटीक तरीके से दें।
5. रचनात्मक उत्तर दें: UPSC इंटरव्यू के दौरान अनोखे सवाल पूछे जा सकते हैं, जैसे – "लोग समोसे क्यों पसंद करते हैं?" ऐसे प्रश्न आपकी तार्किक सोच और रचनात्मकता की परीक्षा लेते हैं।
UPSC की तैयारी कैसे करें? –गजेंद्र कुमार मीणा की महत्वपूर्ण सलाह
1. परीक्षा पास करने के बजाय पाठ्यक्रम में महारत हासिल करें।
2. एक मेंटर का मार्गदर्शन लें, लेकिन आत्मनिर्भर भी बनें।
3. कोचिंग मददगार हो सकती है, लेकिन जरूरी नहीं।
4. हर दिन निरंतर अभ्यास करें और आत्म-मूल्यांकन करें।
5. समय प्रबंधन का सही उपयोग करें और स्मार्ट तरीके से पढ़ाई करें।
गजेंद्र कुमार ने एंथ्रोपोलॉजी को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना और इसकी गहरी समझ विकसित की।