सावधान! सोशल मीडिया के इन प्लेटफार्म्स के इन्वेस्टमेंट मैसेज पर भूल कर भी न करें भरोसा, एक्टिव हैं स्कैमर्स

First Published Jul 8, 2024, 3:05 PM IST

Organized Cyber Crime Groups: साइबर सिक्यूरिटी कंपनी क्लाउड SEK की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए भारतीयों को निशाना बनाकर इन्वेस्टमेंट प्लान किए जा रहे हैं। 

सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए कैसे हो रहा इन्वेस्टमेंट स्कैम?

Organized Cyber Crime Groups: साइबर सिक्यूरिटी कंपनी क्लाउड SEK की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि व्हाट्सएप,फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए भारतीयों को निशाना बनाकर इन्वेस्टमेंट प्लान किए जा रहे हैं। जालसाज खुद को फाईनेंसियल प्रोफेसनल्स बताकर फेंक ग्रुप्स में फंसाने के लिए हाई रिटर्न का वादा करते हैं। इस स्कैम में चोरी किए गए डेटा और फेंक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म शामिल हैं। ये साइबर क्रिमिनल्स अन्य देशों के लोगों को भी अपना निशाना बना रहे हैं।

स्कैमर्स क्यों बनाते हैं भारतीयों को ही ज्यादा निशाना?

पास्ट में आई कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि स्कैमर्स भारतीय नगरिकों को इन्वेस्टमेंट पर ज़्यादा रिटर्न का लालच देकर फंसाते हैं। और फिर उन्हें बड़ा एमाउंट इन्वेस्टमेंट करने के लिए राज़ी कर लाखों की चपत लगा देते हैं। जब तक पीड़ितों को पता चलता है, तब तक उनके साथ धोखाधड़ी हो चुकी होती है। व्हाट्सएप, फेसबुक, X (पहले Twitter) और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पिछले कुछ महीनों में इन्वेस्टमेंट स्कैम की घटनाएं बढ़ी हैं। 

साइबर सिक्योरिटी कंपनी क्लाउड SEK ने किया ये खुलासा

साइबर सिक्योरिटी कंपनी क्लाउड SEK ने खुलासा किया है कि "व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया मैसेजिंग प्लेटफॉर्म आने के साथ ही भारत में इन्वेस्टमेंट स्कैम का परिदृश्य काफी बदल गया है। धोखेबाज़ प्रतिष्ठित वित्तीय पेशेवरों, फंड मैनेजरों और प्रभावशाली लोगों की पहचान का लाभ उठाकर निवेशकों को धोखा दे रहे हैं और उन्हें तुरंत रिटर्न का वादा करके नकली निवेश समूहों में शामिल करवा रहे हैं।"

ऑनलाइन आ रहे हजारों फेंक इन्वेस्टमेंट ऐड़स

क्लाउड SEK का कहना है कि उसकी थ्रेड इंटेलिजेंस रिपोर्ट ग्लोबल कंर्टीज, विशेष रूप से भारत को लक्ष्य बनाकर की जाने वाली इन धोखाधड़ी एक्टीविटीज से जुड़ी मैथडोलॉजी और स्ट्रैट्जी  को आउट लाइन करती है। क्लाउड SEK का दावा है कि उसने जनवरी से जून 2024 के पीरियड में फेसबुक पर 29,000 से अधिक फेंक इन्वेस्टमेंट ऐड्स और 81,000 फर्जी इन्वेस्टमेंट व्हाट्सएप ग्रुप्स की खोज की है।

स्कैमर्स हर महीने कर रहे ठगी के कारोबार से लाखों की कमाई

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक स्कैमर जो छह साल से इस धंधे में है, वह हर महीने करीब 50,000 डॉलर (करीब 41 लाख) कमा रहा है। पर्सनल डेटा 10,000 लाइनों के लिए 100 डॉलर में खरीदने के लिए उपलब्ध है, जिसमें फोन नंबर और नाम जैसे डिटेल शामिल हैं।

सोशल मीडिया पर स्कैमर्स भारतीयों को कैसे बना रहे निशाना?

धोखेबाज़ इन्वेस्टर्स को फेंक इन्वेस्टमेंट ग्रुपों में फंसाने के लिए सोफिस्टीकेटेड टैक्टिस अपना रहे हैं, जिसमें  रिप्यूटेबल फाईनेंसियल एक्सपर्ट और प्रोफेशनल्स का नाम लेना भी शामिल है। वे जल्दी और पर्याप्त रिटर्न का वादा करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन समूहों में स्कैमर्स अपनी इनकम का फेंक सार्टिफिकेट देकर और हाई रिटर्न का वादा करके ठगी करते हैं। इसके बाद वे इन्वेस्टमेंट के साथ गायब हो जाते हैं, जिससे पीड़ितों को भारी फाईनेंसियल लाॅस होता है।

स्कैमर्स ठगी के लिए अपनाते हैं ये हथकंडे

इन स्कैमर्स में चोरी किए गए डेटा, फर्जी प्रोफाइल और धोखाधड़ी वाले ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का यूज करके अननोन लोगों से पैसे चुराना शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक वेल आर्गेनाईज्ड फ्रेमवर्क के तहत क्रिमिनल ब्रोकरों से हैक किया गया स्टॉक ट्रेडिंग डेटा खरीदते हैं, जो इसे अंडरग्राउंड फोरम से प्राप्त करते हैं।

ब्रोकर के जरिए स्कैमर्स खरीदते हैं ऑर्गेनाईज्ड क्राइम ग्रुप को डेटा

रिपोर्ट में कहा गया है कि ये ब्रोकर ऑर्गेनाईज्ड क्राइम ग्रुप को डेटा बेचते हैं जो बड़े पैमाने पर ट्रेडिंग स्कैम चालते हैं। क्राइम ग्रुप स्कैम के लिए हैंडलर और एक्टर्स को अप्वाइंट करते हैं, जो सफल इन्वेस्टर के रूप में खुद को पेश करते हैं। वो पीड़ितों को व्हाट्सएप ग्रुप में लुभाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। भारत के अलावा मलेशिया, अमेरिका, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देश में भी ये स्कैम हो रहे हैं। 

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