Chitragupta Puja 2024: किस दिन करें किताब-कलम की पूजा, 2 या 3 नवंबर को? जानें तिथि और विधि

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Nov 1, 2024, 2:32 PM IST
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चित्रगुप्त पूजा 2024: जानें चित्रगुप्त पूजा का महत्व, पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त, और पूजा विधि। इस खास दिन पर भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने से बुद्धि, समृद्धि और सफलता में वृद्धि होती है।

Chitragupta Puja 2024: चित्रगुप्त पूजा हिंदू धर्म में विशेष रूप से कायस्थ समाज के लोगों के लिए काफी महत्व रखती है। यह पूजा दीपावली के दो दिन बाद भाई दूज के दिन होती है और इस दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है, जो यमराज के सहायक और कर्मों के लेखा-जोखा रखने वाले देवता माने जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चित्रगुप्त भगवान की पूजा करने से सुख-समृद्धि, तरक्की और बुद्धि में बढ़ोत्तरी होती है।

भगवान चित्रगुप्त: कायस्थ समाज के संस्थापक

भगवान चित्रगुप्त को कायस्थ समाज का संस्थापक माना गया है। उनके आशीर्वाद से व्यक्ति को बुद्धि, विद्या और लेखन के क्षेत्र में सिद्धि प्राप्त होती है। चित्रगुप्त को लेखनी और ज्ञान का देवता माना जाता है, जो हर व्यक्ति के कर्मों का हिसाब रखते हैं और मृत्यु के बाद उसके कर्मों के आधार पर स्वर्ग या नर्क में स्थान तय करते हैं। इसलिए उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए कायस्थ समाज सहित अन्य समुदाय के लोग भी इस दिन विशेष पूजा करते हैं।

चित्रगुप्त पूजा 2024 शुभ मुहूर्त

इस साल चित्रगुप्त पूजा 3 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। पूजा के लिए इस दिन का शुभ मुहूर्त सुबह 07:57 बजे से दोपहर 12:04 बजे तक है। पूजा के दौरान कलम, दवात और बही खाता का पूजन विशेष रूप से किया जाता है।

पूजा में कलम-किताब की पूजा का क्या है महत्व?

चित्रगुप्त पूजा के दिन विशेष रूप से कलम, दवात और बही खाता की पूजा का विधान है। उनकी पूजा में कलम और किताब का महत्व बढ़ जाता है। मान्यता है कि इस दिन पूजी गई कलम और किताब का उपयोग करने से दैवीय सहायता प्राप्त होती है और वह कलम सिद्ध हो जाती है।

क्या है पूजा विधि?

पंचोपचार पूजा विधि से कलम की पूजा करें। पंचोपचार में कलम को साफ करके उस पर चंदन, अक्षत, फूल, धूप और दीप अर्पित करें।
भगवान चित्रगुप्त का ध्यान करते हुए उनसे प्रार्थना करें कि वह आपको सही लेखन का आशीर्वाद दें।
दीपावली पर पूजी गई किताब में इस कलम से स्वास्तिक का चिह्न बनाएं और "श्री गणेशाय नमः" लिखकर गणेश जी को प्रणाम करें। इससे वह पुस्तक शुभ और सिद्ध हो जाती है।
अब इस कलम का उपयोग अपने कार्यों में करें। मान्यता है कि इससे किए गए लेखन से सफलता प्राप्त होती है।

चित्रगुप्त पूजा के दिन शुरू होता है नया बहीखाता

दीपावली के दिन व्यापार में नए बही खाता बदले जाते हैं और चित्रगुप्त पूजा के दिन उस नए बही खाते पर काम शुरू किया जाता है। इस नए खाते पर प्रथम पृष्ठ पर स्वास्तिक का चिन्ह अंकित कर "श्री गणेशाय नमः" लिखने से यह खाता शुभ और लाभकारी बनता है।

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