Janmashtami 2024: जानें व्रत कथा, पूजा विधि और भगवान श्रीकृष्ण की आरती का महत्व

Surya Prakash Tripathi |  
Published : Aug 26, 2024, 10:58 AM IST
Janmashtami 2024: जानें व्रत कथा, पूजा विधि और भगवान श्रीकृष्ण की आरती का महत्व

सार

जन्माष्टमी 2024: जानें व्रत कथा, पूजा विधि और भगवान श्रीकृष्ण की आरती का महत्व। इस वर्ष 26 अगस्त को मनाई जाएगी जन्माष्टमी, पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट भी देखें।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024: हिंदू धर्म में जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस साल जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त को मनाया जाएगा, जो कृष्ण भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करते हैं। आइए जानें जन्माष्टमी व्रत कथा, पूजा विधि और इस दिन का महत्व।

जन्माष्टमी व्रत कथा का क्या महत्व है?
जन्माष्टमी व्रत कथा भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कहानी को दर्शाती है। भगवान कृष्ण का जन्म भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान के रूप में कृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था। पौराणिक कथा के अनुसार, राजा कंस ने अपनी बहन देवकी और वासुदेव को कारागार में बंद कर दिया था, क्योंकि एक भविष्यवाणी के अनुसार देवकी का आठवां पुत्र कंस की मृत्यु का कारण बनेगा। कृष्ण के जन्म के समय कारागार के सभी द्वार खुल गए और वासुदेव ने कृष्ण को टोकरी में डालकर यमुना नदी पार की और उन्हें गोकुल में नंदबाबा और यशोदा के पास छोड़ आए।

जन्माष्टमी पर क्या है पूजन विधि?
जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा विशेष महत्व रखती है। इस दिन कृष्ण मंदिरों और घरों में विशेष सजावट की जाती है। भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) से स्नान कराएं, फिर ताजे फूल और मिठाई का भोग लगाएं। पूजा स्थल को स्वच्छ रखें और भगवान की आरती करें।

जन्माष्टमी पर लगने वाली पूजन सामग्री 

  • 1. फूल
  • 2. धूपबत्ती और कपूर
  • 3. रोली और चंदन
  • 4. दीपक
  • 5. नैवेद्य (मिठाई, फल)
  • 6. पंचामृत
  • 7. तुलसी के पत्ते
  • 8. कलश स्थापना सामग्री (गंगाजल, नारियल, पान का पत्ता, सुपारी)

जन्माष्टमी पर होने वाली आरती और भजन
जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की आरती और भजन का विशेष महत्व है। "हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे" और "हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे" मंत्रों का जाप करें और श्रीकृष्ण की जन्मकथा सुनें या पढ़ें।

उपवास और आराधना
जन्माष्टमी के दिन उपवास रखना और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। भक्त इस दिन भजन-कीर्तन करते हैं और भगवान की लीलाओं का स्मरण करते हैं। इस व्रत कथा को सुनने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। इस प्रकार, जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उनकी लीलाओं की याद में मनाया जाता है। इस दिन व्रत कथा सुनना और पूजा विधि का पालन करना भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन होने का सबसे अच्छा तरीका है।


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