Intermittent Fasting- वजन ही नहीं ज़िन्दगी भी घटाती हैं, हार्ट अटैक का खतरा

By Kavish Aziz  |  First Published Mar 26, 2024, 9:06 AM IST

Intermittent Fasting- वेट लॉस करने की विधि में इन दोनों सबसे ज्यादा प्रचलित है इंटरमिटेंट फास्टिंग जिसे डॉक्टर और न्यूट्रीशनिस्ट भी अप्रूव कर चुके हैं लेकिन एक रिसर्च के अनुसार माना गया है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।

लखनऊ। मोटापा आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में सबसे बड़ी समस्या है । इसे कम करने के लिए लोग तरह-तरह की ट्रिक फॉलो करते हैं। जिम जाते हैं, मॉर्निंग और इवनिंग वॉक करते हैं। डाइट प्लान करते हैं । जब हम डाइट प्लान की बात करते हैं तो इन दिनों सबसे ज्यादा चलन है इंटरमिटेंट फास्टिंग कस जिसमें 16 घंटे की फास्टिंग के बाद कुछ भी खाया पिया जाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में यह भी कहा जाता है कि यह दिल को नुकसान पहुंचती है। चलिए जानते हैं कि आखिर कैसे इंटरमिटेंट फास्टिंग शरीर के लिए नुकसानदायक है।

हार्ट की प्रॉब्लम
कॉमेडियन भारती सिंह ने अपना वजन कम इंटरमिटेंट फास्टिंग से किया। ऐसे तमाम लोग हैं जो इंटरमिटेंट फास्टिंग से अपना वजन कम कर रहे हैं। लेकिन एक रिसर्च के मुताबिक जो लोग दिन भर में 8 घंटे से कम समय में अपनी सारी डाइट लेते हैं उनमें हार्ड डिजीज से मौत का जोखिम है। जो लोग पहले से ही किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त हैं उनमें 8 से 10 घंटे रिस्ट्रिक्टेड डाइट को फॉलो करने से 66% हार्ट अटैक से मौत का खतरा बढ़ जाता है। 

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
इंटरमिटेंट फास्टिंग को लेकर जब हमने न्यूट्रीशनिस्ट प्राची त्रिपाठी से बात किया तो उन्होंने बताया कि यह नुकसान तब करता है जब लंबे वक्त से बीमार हो और आपके शरीर में पौष्टिक आहार की कमी हो। चूंकि इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान बॉडी डिहाइड्रेट होता है इसीलिए कहा जाता है कि इस दौरान खीरा तरबूज और पानी पीते रहना चाहिए। जब आप ऐसा नहीं करते हैं तो इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बिगड़ता है और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान भूख लगने पर मिनरल से जुड़ा खाना खाना चाहिए जिसमें तरबूज और खीरा बेस्ट होता है क्योंकि यह दोनों पानी होता है। एक बहुत इंपॉर्टेंट बात यह है की बहुत लंबे समय तक इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करना चाहिए। जब भी आप इंटरमिटेंट फास्टिंग को प्लान करती हैं तो अपने डॉक्टर से या अपने न्यूट्रीशनिस्ट से जरूर कंसल्ट कर ले। क्योंकि इसके लिए आपकी मेडिकल हिस्ट्री जानना जरूरी होता है। मेडिकल कंडीशन के अनुसार ही डाइट चार्ट बनाया जाता है।

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