
Paralysis Patients Treatment At Devi Mandir:जब बीमारियों का इलाज दवाओं से नहीं हो पाता है तो लोग बड़े श्रृद्धा भाव से भगवान के दर में जाते हैं। राजस्थान में ऐसा ही एक मंदिर है बिजासन माता का, जहां लोग लकवा रोग का इलाज कराने आते है। लकवा की बीमारी शरीर के जिस अंग में होता है वह काम करना बंद कर देता है। लकवा रोग का इलाज कराने देवी के मंदिर में लोग दूर-दूर से आते हैं। जानिए राजस्थान के बिजासन माता के मंदिर में लकवा रोग का इलाज कैसे किया जाता है।
लकवाग्रस्त स्थान में की जाती है खास तेल से मालिश
मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। बताया जाता है कि करीब 200 साल पहले ईशोध नाम के व्यक्ति ने सपने में मां की प्रतिमा के दर्शन हुए थे। फिर उस स्थान में प्रतिमा आई और लोगों ने दर्शन व पूजा शुरू कर दी। मंदिर में लकवा रोगियों को बहुत लाभ मिलता है। लकवा से पीड़ित व्यक्ति के उस अंग की खास तेल से मालिश की जाती है। साथ ही जिस स्थान में लकवा है वहां देवी मां के नाम का धागा भी बंधा जाता है।
देवी के मंदिर में रोगियों के रहने का है खास इंतजाम
अगर कोई व्यक्ति राजस्थान के बिजासन माता के मंदिर में लकवा रोग का ट्रीटमेंट कराना चाहता है तो उसके लिए वहां खास इंतजाम भी हैं। पेशेंट के रहने के लिए जगह की खास व्यवस्था की गई है। साथ ही पेशेंट के साथ रिश्तेदार भी रह सकते हैं। पेशेंट और परिवार के लोगों को दिक्कत न हो इसलिए खाने के लिए धर्मशाला भी बनवाई गई है। गांव के लोगों को विश्वास है कि जो भी बीमारी लेकर यहां आता है वो कभी भी खाली हाथ या निराश होकर नहीं लौटता है।
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