World Lung Cancer Day 2024: दुनिया भर में आज वर्ल्ड लंग कैंसर डे सेलिब्रेट किया जा रहा है। अक्सर लोगों के मन में ये मिथ बना रहता है कि जो लोग स्मोकिंग करते हैं केवल उन्हीं को लंग कैंसर हो सकता है। जबकि लंग कैंसर स्मोकिंग न करने वालों में भी होता है।
हेल्थ डेस्क: ग्लोबल कैंसर ऑब्ज़र्वेटरी की साल 2020 रिपोर्ट के मुताबिक भारत में लंग कैंसर पेशेंट्स के 72,510 नए मामले सामने आए थे। दिन प्रति दिन लंग कैंसर के पेशेंट्स की संख्या बढ़ रही है। इसकी मुख्य वजह लाइफस्टाइल में बदलाव, वातावरण से जुड़े कुछ फैक्टर्स और अनुवांशिकी है। लंग कैंसर को लेकर लोगों के मन में बहुत से मिथ या गलत जानकारी रहती है। आज वर्ल्ड लंग कैंसर डे (World Lung Cancer Day 2024) के मौके पर लंग कैंसर से जुड़े मिथ और फैक्ट के बारे में जानें।
मिथ 1: स्मोकिंग करने वाले लोगों को ही लंग कैंसर होता है।
फैक्ट:सिर्फ स्मोकिंग करने वालों को ही लंग कैंसर नहीं होता है। WHO के अनुसार करीब 80 प्रतिशत मामले लंग कैंसर के स्मोकिंग से जुड़े होते हैं। वहीं 20% मामले ऐसे भी होते हैं जिन्होंने कभी स्मोकिंग नहीं की है। सेकंड हैंड स्मोकर ( स्मोकर के पास खड़ा व्यक्ति) भी लंग कैंसर का शिकार बन जाते हैं।
मिथ 2:लंबे समय से स्मोकिंग करने वाला इंसान लंग कैंसर से नहीं बच सकता है।
फैक्ट: ये सच नहीं है। अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से स्मोकिंग कर रहा है और उसके बाद वो छोड़ दे तो लंग कैंसर का जोखिम कम हो जाता है। हेल्दी लाइफ़स्टाइल अपनाने से ही व्यक्ति कैंसर के खतरे को कम कर सकता है।
मिथ 3: अगर टैलकम पाउडर सूंघने के दौरान शरीर के अंदर चला जाए तो फेफड़ों का कैंसर हो जाता है।
फैक्ट:एस्बेस्टस जैसे कार्सिनोजेन्स और स्मोकिंग लंग कैंसर के जोखिम को सबसे ज्यादा बढ़ाते हैं। अभी तक टैलकम पाउडर से फेफड़ों के कैंसर की बात सामने नहीं आई है।
मिथ 4: ई-सिगरेट पीना फेफड़ों के लिए सुरक्षित होता है।
फैक्ट: न्यूरोटॉक्सिसिटी रिसर्च में पब्लिश रिपोर्ट के अनुसार ई सिगरेट किसी भी तरह से सुरक्षित नहीं होती है। ई सिगरेट क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) बीमारी का कारण बन सकती है।
मिथ 5: लंग कैंसर होने पर व्यक्ति को बचा पाना मुश्किल होता है।
फैक्ट:ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अगर व्यक्ति को शुरुआती लंग कैंसर (स्टेज 1) के लक्षणों का पता चल जाता है तो लंग कैंसर ठीक होने के चांसेज 65% तक होते हैं। वहीं स्टेज 4 लंग कैंसर पेशेंट्स के ठीक होने के चांसेज 5% होते हैं।
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