World Parkinson's Day: आज दुनियाभर में पार्किंसन डिसीज डे मनाकर लोगों को इस बीमारी के बारे में अवेयर कराया जा रहा है। जानिए पार्किंसन बीमारी कैसे बुजुर्गों के साथ अब यंग लोगों पर भी अपना असर दिखा रही है।
World Parkinson's Disease Day: पार्किंसन बीमारी को अक्सर बुजुर्गों यानी ज्यादा उम्र के लोगों की बीमारी के नाम से जाना जाता है। आपको हैरानी होगी कि अब इस बीमारी से युवा भी ग्रस्त हो रहा है। नर्वस सिस्टम के साथ ही शरीर के कई हिस्सों को नुकसान पहुंचाने वाली पार्किंसन डिसीज (Parkinson Disease) एक प्रकार का डिजेनेरेटिव brain condition है। इस कारण से काम करने की गति धीमी हो जाती है। हाथ कांपने लगते हैं। व्यक्ति बात-बात में कंफ्यूज होने लगता है और साथ ही चलने में लड़खड़ाना आम होता है। जानिए पार्किंसन डिसीज के कारण और बीमारी से पैदा होने वाले लक्षण क्या हैं।
पार्किंसन बीमारी क्या होती है?
पार्किंसन डिसीज एक ब्रेन कंडीशन है जिसके कारण शरीर के मसल्स कंट्रोल, बैलेंस और मूवमेंट कंट्रोल नहीं हो पाते हैं। पार्किंसन की बीमारी शरीर के सेंस, सोचने की क्षमता, मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालती हैं। बुजुर्गें में अक्सर होने वाली पार्किंसन की समस्या अब युवाओं में भी होने लगी है। जानिए क्या होते हैं बीमारी के लक्षण।
पार्किंसन बीमारी के लक्षण
एज रिलेटेड डिसीज पार्किंसन 60 की उम्र में शुरू हो सकती हैं। कुछ युवा लोगों में भी अब इस बीमारी के लक्षण दिखने लगे हैं। इस बीमारी का कारण सब्जियों में पड़ने वाले Pesticides और जेनेटिक हो सकते है। जानिए पार्किंसन बीमारी के लक्षणों के बारे में।
कैसे कर सकते हैं पार्किंसन का इलाज
लाइफस्टाइल में बदलाव कर पार्किंसन के लक्षणों को काफी हद तक सुधारा जा सकता है। चूकिं सब्जियों में पेस्ट्रीसाइड्स डाले जाते हैं तो उन्हें अच्छे से धुलकर खाना चाहिए। साथ ही रोजाना एक्सरसाइज, मेडिटेशन भी बीमारी के लक्षणों को सुधारने में मदद करता है।
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