पेशा इंजीनियर का, झंडे गाड़े बेकरी बिजनेस में-लीक से हटकर किया काम, पटना के आशीष रंजन ने कर दिया कमाल

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Sep 21, 2024, 1:40 PM IST
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इंजीनियर से बेकरी बिजनेस में कदम रखने वाले पटना के आशीष रंजन ने 'Online Cake Bhejo' की शुरुआत करके मिसाल पेश की। कस्टमाइज केक और मिलेट्स से बने बेकरी आइटम्स का कारोबार आज करोड़ों में पहुंच चुका है। जानें उनकी सफलता की कहानी।

नई दिल्ली। इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता कि काम छोटा है या बड़ा। पर यदि आपके काम करने का तरीका लीक से हटकर है तो वह पैसा और शोहरत दोनों मिलते हैं। पटना के आशीष रंजन के साथ यही हुआ। इंजीनियरिंग की डिग्री के बाद नौकरी कर रहे थे। मां की तबियत बिगड़ने के बाद जॉब छोड़नी पड़ी। घर लौटे और एक साधारण से बिजनेस 'Online Cake Bhejo' को असाधारण तरीके से शुरू किया। आज उनका सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये है। इनका स्टार्टअप केक और मिलेट्स (मोटे अनाज) के बेकरी आइटम बनाता है। 

मां की तबियत खराब हुई तो लौटे पटना

साल 2012 में इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद आशीष ने एक एमएनसी कम्पनी के साथ कॅरियर की शुरूआत की। हालांकि एकेडमिक ईयर के कुछ पेपर बाकी थे। साल 2014 में वह दिल्ली में थे। उस दरम्यान घर से जानकारी मिली कि मां की सेहत ठीक नहीं है। उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ था। यह सुनकर वह घर लौटें। हालांकि इलाज के बावजूद आशीष की मां को बचाया नहीं जा सका। मां की मौत के बाद फिर वह पटना से नहीं गए, बल्कि अपने ही शहर में कुछ काम करने का निर्णय लिया। पर अब बड़ा सवाल था ​कि क्या काम किया जाए?

स्टार्टअप शुरू करने का यहां से आया आइडिया

साल 2017 में आशीष के एक दोस्त के घर बर्थडे की पार्टी थी। दोस्त के परिवार वालों की डिमांड कस्टमाइज केक की थी। ऐसा केक बनवाने के लिए वह कई बाजारों में गए। पर कस्टमाइज केक बनाने वाली कोई दुकान नहीं मिली। बस, यहीं से आशीष को केक का बिजेनस शुरू करने का विचार आया और 2018 में उन्होंने अपने पिता से 20 हजार रुपये उधार लेकर केक का बिजनेस शुरू कर दिया। अपने दोस्त बुद्धिसेन बिट्टू को भी साथ लिया। उन्होंने लोगों की डिमांड पर कस्टमाइज केक बनाना शुरू कर दिया और अपने स्टार्टअप का नाम ‘ऑनलाइन केक भेजो’ (Online Cake Bhejo) रखा। 

2021 में मिलेट्स से कुकीज बनाने का शुरू किया काम

आशीष का कस्टमाइज केक बनाने का स्टार्टअप चल रहा था। पर वह उससे ज्यादा खुश नहीं थे, क्योंकि उस काम में ज्यादा प्रॉफिट नहीं कमा पा रहे थे। इसी बीच साल 2019 में उनके पिता का भी देहांत हो गया। उसके बाद आशीष परेशान रहने लगें। साल 2019-20 में मिलेट्स यानी मोटे अनाज की चर्चा सुनकर उन्होंने कुकीज बनाने की योजना बनाई। भागलपुर की एक एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से कुकीज मेकिंग सीखा और 2021 में काम शुरू कर दिया। 

50 से ज्यादा लोगों को रोजगार

अब उनका स्टार्टअप चल पड़ा है। 50 से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया है। साल 2023-24 में 1.5 करोड़ का कारोबार हुआ। बाजरा, ज्वार और रागी से केक, ब्रेड, बन, पेस्ट्री और कुकीज बनाते हैं। यूपी में 3 और बिहार में 6 आउटलेट चल रहे हैं।

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